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    सोशल साइट पर आतंकी ढूंढते हैं शिकार

    By Edited By:
    Updated: Fri, 28 Mar 2014 12:55 AM (IST)

    इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) सोशल नेटवर्किंग साइट की मदद से युवाओं को अपने जाल में फंसा रहा है। पाकिस्तान में बैठे अता भटकल उर्फ अफीफ पर नए चेहरों की तलाश व जेहाद के नाम पर उन्हें आइएम से जोड़ने की जिम्मेदारी है। आइएम के जयपुर मॉड्यूल के आतंकी मुहम्मद महरूफ से हुई पूछताछ में यह

    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) सोशल नेटवर्किंग साइट की मदद से युवाओं को अपने जाल में फंसा रहा है। पाकिस्तान में बैठे अता भटकल उर्फ अफीफ पर नए चेहरों की तलाश व जेहाद के नाम पर उन्हें आइएम से जोड़ने की जिम्मेदारी है। आइएम के जयपुर मॉड्यूल के आतंकी मुहम्मद महरूफ से हुई पूछताछ में यह खुलासा हुआ।

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    एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, आइएम की एक विंग इसी काम में जुटी है। आइएम आतंकी फेसबुक व अन्य सोशल साइटों पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर सक्रिय हैं। जेहाद में दिलचस्पी रखने वाले छात्र बड़ी आसानी से उनके शिकंजे में फंस रहे हैं। विशेष पुलिस आयुक्त (स्पेशल सेल) एसएन श्रीवास्तव के अनुसार, जयपुर स्थित विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में इंजीनियरिंग अंतिम वर्ष के छात्र मुहम्मद महरूफ का फेसबुक के माध्यम से ही अता भटकल से संपर्क हुआ था और चैटिंग का सिलसिला शुरू हो गया। 21 वर्षीय महरूफ पर जेहाद का भूत सवार था। वर्ष 2011 में राजस्थान के भरतपुर के गोपालगढ़ में हुई सांप्रदायिक हिंसा को ढाल बनाकर अता ने उससे बातचीत शुरू की। इसके अलावा अफगानिस्तान में नाटो सेना की दखल और ओसामा बिन लादेन की हत्या आदि मसलों पर बातचीत के बाद रोहिंग्या मुसलमानों पर हुए हमलों का जिक्र कर अता ने महरूफ को भड़काया। उसे पूरी तरह जाल में फंसाने के बाद अता ने उसका परिचय 'छोटा' और 'बड़ा' भाई (रियाज और इकबाल भटकल) से करवाया। रियाज ने भी महरूफ से जेहाद के लिए खुद को आइएम को सौंप देने की बात कही। फिर आइएम के लिए राजस्थान में नए सदस्यों को तलाश करने की जिम्मेदारी महरूफ को दे दी गई। उसने इंजीनियरिंग छात्र वकार अजहर व कंप्यूटर डीटीपी और डिजाइन प्रिंटिंग का काम करने वाले शाकिब अंसारी को साथ जोड़ा। तीनों को रविवार सुबह स्पेशल सेल ने राजस्थान से गिरफ्तार किया था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आइएम के अधिकतर सदस्य पढ़े-लिखे हैं। तकनीक के माहिर ये शातिर दिमाग आतंकी बड़ी आसानी से युवाओं को अपनी बातों में फंसा सकते हैं।

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