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    बेहद खतरनाक थे पकड़े गए आईएम आतंकियों के मंसूबे

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    Updated: Tue, 25 Mar 2014 03:00 AM (IST)

    इंडियन मुजाहिदीन [आइएम] के इस बार के मंसूबे बेहद खतरनाक थे। एक साथ कई राज्यों में सिलसिलेवार धमाकों को अंजाम देने की पुख्ता योजना बनाकर आए थे। चुनावी ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली [जासं]। इंडियन मुजाहिदीन [आइएम] के इस बार के मंसूबे बेहद खतरनाक थे। एक साथ कई राज्यों में सिलसिलेवार धमाकों को अंजाम देने की पुख्ता योजना बनाकर आए थे। चुनावी जनसभाएं खासतौर से निशाने पर थीं। ऐसे नेताओं की सूची तैयार हो चुकी थी जिनकी सभाओं में ज्यादा भीड़ जुटती है। इसके पीछे आतंकियों के मंसूबे अधिक से अधिक लोगों को नुकसान पहुंचाने के थे।

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    जिया उर रहमान उर्फ वकास समेत राजस्थान से पकड़े गए चारों आतंकियों के कब्जे से मिले विस्फोटकों की तादाद देखकर सुरक्षा एजेंसियां भी हैरान हैं। वकास से पूछताछ में आइएम के मौजूदा भारतीय प्रमुख तहसीन अख्तर उर्फ मोनू के संबंध में महत्वपूर्ण सुराग मिला है। जल्द इस मामले में और गिरफ्तारियां होने की संभावना जताई जा रही है।

    स्पेशल सेल सूत्रों के अनुसार वकास के साथ पकड़े गए मोहम्मद महरूफ, वकार अजहर व साकिब अंसारी के कब्जे से बरामद पेन ड्राइव व अन्य चीजों से उनके मंसूबों का पता चलता है। तहसीन ने वकास को लोकसभा चुनाव में बड़ी वारदात के संकेत दिए थे। चुनावी सभाओं में स्टेज के आसपास बम रखे जाने थे। इसके अलावा जयपुर के कई पर्यटन स्थलों सहित देश के विभिन्न राज्यों में धार्मिक स्थलों की रेकी भी की गई थी। आतंकियों से बरामद सूचनाओं के आधार पर उत्तर प्रदेश समेत महाराष्ट्र पुलिस को भी कुछ इनपुट दिए गए हैं। जिसके बाद दोनों राज्यों में पुलिस ने छापेमारी शुरू कर दी है।

    पढ़ें : आतंकी वकास का बड़ा खुलासा, निशाने पर थे नरेंद्र मोदी

    आइएम आतंकी वकास सहित चारों रिमांड पर :

    राजस्थान से गिरफ्तार वकास सहित चारों आतंकियों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। जहां से विशेष अदालत ने दो अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। वकास के खिलाफ पहले भी कई बम ब्लास्ट के मामले दर्ज हैं।

    एजेंसियों को है छिपे मोहरों की तलाश

    लखनऊ [जागरण ब्यूरो]। इंडियन मुजाहिदीन और सहयोगी संगठनों से सिर्फ भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को ही नहीं उप्र के कई नेताओं को खतरा है। हालांकि सुरक्षा एजेंसियां इन नेताओं का नाम जाहिर नहीं करना चाहती हैं। प्रदेश में सुरक्षा सक्रियता बढ़ा दी गई है और इंडियन मुजाहिदीन के तहसीन अख्तर समेत उसके छिपे मोहरों की तलाश भी तेज हो गई है।

    पुलिस महानिरीक्षक एसटीएफ आशीष गुप्ता ने कहा कि केवल मोदी को ही नहीं कई राजनेता हैं जिनके ऊपर खतरे हैं। उनका नाम बताना उचित नहीं होगा। राजस्थान से पकड़े गए आतंकी वकास से पूछताछ के लिए एटीएस टीम दिल्ली गई है। पटना में मोदी की रैली में धमाकों के बावजूद अपने मकसद में कामयाब न होने पर आतंकी संगठनों ने बहराइच में उन पर निशाना साधने की तैयारी की थी। तब एटीएस ने बहराइच के रुपईडीहा बॉर्डर से कुख्यात आतंकी और मुंबई अदालत से फरार अफजल उस्मानी को गिरफ्तार किया था। सूत्रों के मुताबिक अफजल को मिशन मोदी पर लगाया गया था। इसके पहले कानपुर में भी रेकी की गई थी। छत्तीसगढ़ में पकड़े गए आतंकियों ने यह बात कबूल की है। अब वाराणसी की भी रेकी की बात सामने आई है।

    इसके बाद खुफिया एजेंसियों ने उप्र में इंडियन मुजाहिदीन के छिपे मोहरों की तलाश तेज कर दी है। बिहार निवासी तहसीन अख्तर से सर्वाधिक खतरा बताया गया है। उसने पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में अपना नेटवर्क तैयार किया है जिसमें आजमगढ़, मऊ, वाराणसी, मीरजापुर, भदोही, इलाहाबाद शामिल हैं।

    जामिया के निर्दोष युवकों का केस लड़ेगा मेरा बेटा : सिब्बल

    नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री व चांदनी चौक से कांग्रेस प्रत्याशी कपिल सिब्बल ने कहा है कि रविवार को जामिया नगर से दो मुस्लिम युवकों को शक के आधार पर पकड़ने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। यदि ये दोनों युवक न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाते हैं तो उनके (सिब्बल के) वकील बेटे इन युवकों की ओर से अदालती लड़ाई लड़ेंगे।