जानिए, आतंकी संगठन 'सिमी' के बारे में 10 बड़ी बातें
भोपाल की सेंट्रल जेल से भागे 8 सिमी आतंकियों को एनकाउंटर में मार दिया गया है।
भोपाल (जेएनएन)। सेंट्रल जेल भोपाल से फरार सिमी के कुख्यात आतंकियों को आज पुलिस ने एक मुठभेड़ में भोपाल के बाहरी इलाके - ईद खेड़ी के पास घेरकर मार गिराया। घटना के बाद से ही प्रदेशभर में पुलिस को अलर्ट कर दिया गया था।
आतंकी संगठन के बारे में 10 बड़ी बातें
- स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का गठन अप्रैल 1977 को यूपी के अलीगढ़ में हुआ, इसका फाउंडर प्रेजिडेंट मोहम्मद अहमदुल्ला सिद्दीकी था।
- सिमी मूल रूप से जमात-ए-इस्लामी(JIH)के लिए1956 में स्थापित इस्लामी छात्र संगठन (SIO) के पुनर्जीवित करने के लिए बनाया गया था।
- सिमी भारत में आतंकवादी गतिविधियों में अपनी भागीदारी के लिए 2002 में भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था।
- हालांकि, अगस्त 2008 में, एक विशेष न्यायाधिकरण में सिमी पर प्रतिबंध हटा लिया। ये प्रतिबंध बाद में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 6 अगस्त 2008 को बहाल किया गया।
- 2002 में प्रतिबंध लगने के बाद सिमी ने नया चोला ओढ़कर कर नाम इंडियन मुजाहिदीन रख लिया है। जिसने 2005 तक देश में लगातार विस्फोट कराये और उसके बाद अब उसके तमाम लोग स्लीपिंग माड्यूल की तरह काम कर रहे हैं।
- सिमी के साथ ही करीब दस वर्ष पहले क्रिकेट मैच देखने के नाम पर वीजा लेकर भारत आये पाकिस्तानी नागरिक भी अब सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर हैं। यह लोग भारत आये तो लेकिन वापस नहीं गए। इनकी संख्या करीब 400 के करीब है।
- बीते कुछ वर्ष में उत्तर प्रदेश गुजरात और मध्य प्रदेश पुलिस के हत्थे सिमी के तमाम आतंकी पकड़े गए, लेकिन सिमी चीफ सफदर नागौरी समेत करीब 70 सिमी माड्यूल अभी भी लापता हैं।
- दो वर्ष पहले बिजनौर में एक घर के अंदर विस्फोट के बाद सामने आई थी जिसमें भी सिमी का हाथ था।
- 2015 में वर्तमान मोदी सरकार ने सिमी पर प्रतिबंध अनिश्चितकालीन समय हेतु बढा कर सिमी के खिलाफ कार्यवाही सख्त करके बढा दी है।
- मप्र से सिमी का गहरा कनेक्शन रहा है। देशभर में सिमी के सबसे ज्यादा कायकर्ताओं की गिरफ्तारी मप्र से ही हुई है।
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