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तीस्ता जल समझौता मुद्दे का जल्द होगा समाधान: ममता

मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार तीन दिवसीय बांग्लादेश दौरे पर गईं ममता बनर्जी ने बहुप्रतीक्षित तीस्ता जल समझौते के जल्द समाधान की उम्मीद जताई है। उन्होंने शुक्रवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में कहा कि इस मसले पर किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। एक होटल में

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Fri, 20 Feb 2015 07:58 PM (IST)Updated: Fri, 20 Feb 2015 08:10 PM (IST)

कोलकाता [जेएनएन]। मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार तीन दिवसीय बांग्लादेश दौरे पर गईं ममता बनर्जी ने बहुप्रतीक्षित तीस्ता जल समझौते के जल्द समाधान की उम्मीद जताई है। उन्होंने शुक्रवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में कहा कि इस मसले पर किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। एक होटल में 'बैठकी बांग्ला' के संबोधन में उन्होंने आश्वासन दिया कि तीस्ता मुद्दे को जल्द ही बातचीत के जरिये सुलझा लिया जाएगा।

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मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश की जनता से विश्वास बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री शेख हसीना से बात करेंगी, साथ ही भूमि सीमा समझौते के भारतीय संसद में मंजूरी के बाद इसे और प्रभावी बनाया जाएगा।

ममता ने कहा कि भूमि सीमा समझौते के प्रभावी होने के बाद दोनों देशों के नागरिकों के लिए यह मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल व बांग्लादेश के बीच सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के नाम पर संयुक्त रूप से 'बंगबंधु भवन' के निर्माण का भी प्रस्ताव रखा।

साहित्यकारों व सांस्कृतिक विद्वानों से बातचीत में ममता ने कहा कि राजनीतिक भूगोल ने भले ही हमें विभाजित कर दिया है, लेकिन हमारे मन में कोई विभाजन नहीं है। आप अपनी सभी अपेक्षाएं हमको बताएं और हम सही समय पर इसे पूरा करेंगे। ममता बनर्जी शनिवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना व राष्ट्रपति अब्दुल हामिद से मुलाकात करेंगी।

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तब ममता ने किया था विरोध

2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की बांग्लादेश यात्रा के दौरान तीस्ता जल समझौता लगभग हो गया था, लेकिन अंतिम समय में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसका विरोध कर दिया था। इस अड़ंगे के बाद से यह समझौता ठंडे बस्ते में है। तब ममता बनर्जी ने कहा था कि इस समझौते से पश्चिम बंगाल को काफी नुकसान होगा, जिसके बाद उन्हें बांग्लादेश की जनता का विरोध भी सहना पड़ा था। इस दौरे पर ममता बनर्जी को बांग्लादेश में भाषा शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया है।


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