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    तमिलनाडु में अनीता की आत्महत्या को लेकर NEET के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन

    By Srishti VermaEdited By:
    Updated: Sat, 02 Sep 2017 03:54 PM (IST)

    दलित बोर्ड की स्टूडेंट अनिता ने मेडिकल में दाखिले के लिए नीट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था।

    तमिलनाडु में अनीता की आत्महत्या को लेकर NEET के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन

    चेन्नई (एएनआई)। तमिलनाडु सीएम के पलानीस्वामी ने शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज में दाखिला ना मिलने के कारण आत्महत्या करने वाली अनिता के परिजनों को 7 लाख रुपए मुआवजे देने की घोषणा की है। अनिता को नीट की परीक्षा में आए नंबरों के आधार पर मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं मिल पाया था। वहीं तमिलनाडु की सड़कों अनिता की अात्महत्या के विरोध में जमकर प्रदर्शन हो रहा है। एसएइअाई के सदस्यों ने अनीता की आत्महत्या को लेकर नीट (NEET) के खिलाफ प्रदर्शन किया।

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     इसी बीच एआईएडीएमके नेती टीटीवी दिनाकरन ने अनिता की मौत पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "मैं हैरान हूं कि हम सबकी प्यारी बेटी ने नीट के खिलाफ संघर्ष करते हुए आत्महत्या कर ली।"

    इसके बाद दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत और कमल हसन ने भी अनिता की मौत पर गहरा दुख प्रकट किया। रजनीकांत ने फेसबुक पर पोस्ट किया, "अनिता के साथ जो भी हुआ वो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इस कदम को उठाने के पहले उस पर क्या बीत रही होगी मैं उस दर्द को समझ पा रहा हूं। मेरी संवेदनाएं उसके परिवार के साथ है।" जबकि कमल हसन ने लिखा, "वे अनिता को अपनी बेटी समान मानते हैं और वे उसके लिए अपनी आवाज उठायेंगे।" उन्होंने इसके पीछे राज्य सरकार और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

    दलित बोर्ड की स्टूडेंट अनिता ने मेडिकल में दाखिले के लिए नीट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। इसमें असफल होने पर उसने अपने घर पर परिजनों की अनुपस्थिति में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जाता है कि दाखिला ना मिलने पर वह अवसाद में जी रही थी। अनिता ने तमिलनाडु स्टेट बोर्ड से बारहवीं में 1,200 में से 1,176 नंबर लाए थे। हालांकि मेडिकल के लिए होने वाली नीट की परीक्षा में उसने 86 नंबर ही लाए थे। गरीब परिवार से आने वाली अनिता ने एमबीबीएस में दाखिले पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी डाली थी। 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नीट के मेरिट के आधार पर तमिलनाडु में मेडिकल कॉलेजों में दाखिला 4 सितंबर से होगा। इधर अनिता के परिजन, रिश्तेदार और गांव वालों ने राज्य और केंद्र को उसकी मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरु किया है।

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