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    स्वामीनाथन ने सुझाए पराली जलाने को रोकने के उपाय

    By Sachin BajpaiEdited By:
    Updated: Sun, 06 Nov 2016 09:45 PM (IST)

    स्वामीनाथन ने कहा कि धान की पुआल को पशु चारा, कार्डबोर्ड, कागज और अन्य उत्पादों के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इस संबंध में वह जल्द ही प्रधानमंत्री को विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे।

    नई दिल्ली, प्रेट्र : दिल्ली एनसीआर में दमघोंटू स्मॉग के बीच प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पराली जलाने की समस्या से निपटने के उपाए बताए। उन्होंने पराली के व्यवसायीकरण का सुझाव दिया है। स्वामीनाथन ने कहा कि धान की पुआल को पशु चारा, कार्डबोर्ड, कागज और अन्य उत्पादों के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इस संबंध में वह जल्द ही प्रधानमंत्री को विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे।

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    उन्होंने एक कार्यक्रम के बाद रविवार को यहां यह बात कही। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री भी मंच पर उनके साथ थे। उन्होंने कहा कि जलाने की जगह पुआल का कैसे प्रयोग किया जाए इस बारे में प्रधानमंत्री को बताया है। प्रधानमंत्री ने इसमें रुचि दिखाई है। स्वामीनाथन ने कहा कि महाराष्ट्र में पुआल को पशु चारा बनाने की तकनीक विकसित की गई है। पुआल में यूरिया और शीरा मिलाने से पशु के लिए अच्छा आहार बनता है। इस संबंध में म्यांमार में किए गए शोध कार्य का उदाहरण दिया। देश में एक साल में 14 करोड़ टन पुआल और 28 करोड़ टन चावल के भूसे का उत्पादन होता है।

    पराली जलाने से रोकना है तो स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करे केंद्र : अमरिंदर