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बेटे का टिकट कटने पर बौखला गए जुगल : स्वामी प्रसाद मौर्य

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राष्ट्रीय महासचिव व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि पार्टी सांसद जुगल किशोर ने बार-बार समझाने के बावजूद विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार तय करने में धांधली की व खुद के फायदे के लिए एक-एक सीट पर कई-कई बार उम्मीदवार बदले।

By Sachin kEdited By: Published: Mon, 05 Jan 2015 05:21 PM (IST)Updated: Mon, 05 Jan 2015 05:38 PM (IST)

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राष्ट्रीय महासचिव व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि पार्टी सांसद जुगल किशोर ने बार-बार समझाने के बावजूद विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार तय करने में धांधली की व खुद के फायदे के लिए एक-एक सीट पर कई-कई बार उम्मीदवार बदले। पार्टी अध्यक्ष मायावती को जब असलियत पता चली तो न केवल इन्हें उत्तर प्रदेश में पार्टी के सभी कार्यों से मुक्त कर दिया बल्कि लखीमपुर खीरी जिले की सुरक्षित सीट से इनके बेटे का टिकट भी काट दिया। इसके बाद से ये पार्टी की नेता के ऊपर अनाप-शनाप आरोप लगा रहे हैं।

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सोमवार को स्वामी प्रसाद बसपा के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर के साथ पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जुगल किशोर अब बाबू सिंह कुशवाहा की भाषा बोलने लगे हैं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में जाने की कोशिश कर रहे हैं। इनके काले कारोबार में बाबू सिंह का काला धन लगा है। फिर उन पर पार्टी कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?

जवाब में मौर्य ने कहा कि कभी भी अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। विधायक बाला प्रसाद अवस्थी द्वारा बसपा अध्यक्ष पर पैसे मांगने के आरोप को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति अपने बेटे को भाजपा में शामिल कराने खुद गया हो उसकी भाषा बसपा की नहीं हो सकती है। फिर ऐसे लोगों को क्यों पार्टी से निकाला नहीं जा रहा है?

मौर्य के मुताबिक, दूसरे दल में इन्हें जाने का रास्ता हम क्यों आसान करें। मायावती द्वारा जाटव नेताओं को काटने के जुगल किशोर के आरोप पर मौर्य ने कहा कि अगर उन्हें जाटव नेताओं की चिंता थी तो पहले ही यह आरोप क्यों नहीं लगाए। पैसे लेने के आरोप पर उन्होंने कहा कि यह धन्नासेठों की पार्टी नहीं है। कार्यकर्ताओं के सहयोग से ही चलती है।

मौर्य ने कहा कि जुगल को जब एमएलसी बनाया गया, तब वह साइकिल से चलते थे और उनके नामांकन का पैसा भी पार्टी फंड से दिया गया लेकिन अब करोड़ों की संपत्ति हो गई है। कार्यकर्ताओं की मांग है कि जब पार्टी की सरकार बने तो उनकी जांच कराकर कार्रवाई की जाए। बसपा के कई पूर्व मंत्रियों की आय से अधिक संपत्ति की सतर्कता जांच की याद दिलाने पर मौर्य ने कहा कि जांच चल रही है, इसलिए बीच में कुछ भी कहना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि जो बसपा से हटा दिया जाता है, उसकी बरकत नहीं होती है।


रजिस्ट्री का कागज मिले तो : मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति से भूखंड रजिस्ट्री कराने के सवाल को उन्होंने खारिज किया। मौर्य ने कहा कि जिसने आरोप लगाया, अगर वह रजिस्ट्री का कागजात दे तो मैं कब्जा ले लूं।

तीसरे उम्मीदवार के संपर्क में कई दलों के विधायक : विधान परिषद के चुनाव में पर्याप्त संख्या बल न होने पर भी तीसरा उम्मीदवार खड़ा करने के सवाल पर मौर्य ने कहा कि हमारी पार्टी के पास 16 विधायक अतिरिक्त हैं। संबंधित प्रत्याशी ने तमाम निर्दलीय व जो प्रत्याशी नहीं खड़े कर रहे, उन दलों के विधायकों के संपर्क में होने की बात कही है। इसलिए उन्हें मौका दिया गया है। खरीद-फरोख्त के मुद्दे पर उनका कहना था कि हमारा उम्मीदवार इस हैसियत में नहीं है।

पढ़ेंः जुगल किशोर भाजपा में जाने की जुगत में

मायावती दलील की नहीं, दौलत की बेटीः जुगल


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