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    निर्भया गैंगरेप कांड में SC के फैसले से मिला पीडि़त के परिजनों को इंसाफ

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Fri, 05 May 2017 03:30 PM (IST)

    निर्भया गैंगरेप मामले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट अपना अंतिम फैसला सुना दिया। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी दोषियों की मौत की सजा को बरकरार रखा है।

    निर्भया गैंगरेप कांड में SC के फैसले से मिला पीडि़त के परिजनों को इंसाफ

    नई दिल्‍ली (स्‍पेशल डेस्‍क)। देश के सबसे चर्चित अपराधों में से एक 16 दिसंबर दिल्‍ली गैंगरेप (निर्भया मामला) पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट अपना अंतिम फैसला सुना दिया। अपने आदेश में कोर्ट ने सभी दोषियों की सजा को बरकरार रखा है। कोर्ट ने मामले को रेयरेस्‍ट ऑफ रेयर मानते हुए पूर्व में दिए हाईकोर्ट और निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया। कोर्ट ने मामले के दोषी मुंकेश, अक्षय, विनय और पवन को सजा ए मौत की सजा को बरकरार रखा है। यह मामला पिछले करीब एक दशक में सबसे चर्चित मामला रहा है, जिसने न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था।

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    इस मामले के सभी दोषियों को 14 सितंबर 2013 को निचली अदालत में बनी फास्‍ट ट्रेक कोर्ट ने सजा-ए-मौत सुनाई थी, जबकि एक को नाबालिग मानते हुए जुवेनाइल कोर्ट भेजा गया था। जहां उसको छह माह की सजा सुनाने के बाद बाल गृह सुधार केंद्र भेजा गया था, फिलहाल वह वहां से भी सजा पूरी करने के बाद छूट चुका है। दिल्‍ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराते हुए दोषियों की मौत की सजा को बरकरार रखा था। हाईकोर्ट के इसी आदेश के खिलाफ दोषियों ने अपील दायर की थी, जिस पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट अपना अंतिम फैसला सुनाया है। 27 मार्च को कोर्ट ने इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

    एक अभियुक्‍त ने लगाई थी जेल में फांसी

    इस मामले के एक अभियुक्‍त रामसिंह ने जांच के दौरान जेल में फांसी लगाकर आत्‍महत्‍या कर ली थी। दरअसल ड्राइवर राम सिंह के अपराध स्वीकार करने और उसकी निशानदेही पर अन्‍य अभियुक्‍तों जिसमें उसका भाई मुकेश, एक जिम इंस्ट्रक्टर विनय गुप्ता और फल बेचने वाले पवन गुप्ता शामिल था, को गिरफ़्तार किया गया। इसके बाद अपराधबोध के चलते ही उसने जेल में आत्‍महत्‍या की थी।

    शीला दीक्षित का रौंगटे खड़े कर देने वाला बयान

    इस कांड के बाद तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित भी युवती का हालचाल जानने सफदरजंग अस्‍पताल गई थीं, जिसके बाद उन्‍होंने जो कहा था वह बेहद हैरान और परेशान करने वाला था। शीला दीक्षित का कहना था कि वह इतनी हिम्‍मत ही नहीं जुटा पा रही थीं कि युवती के सामने जाकर उसका हालचाल ले सकें। अंत में जब वह युवती के पास पहुंची तो उसकी हालत देखकर उनके रौंगटे खड़े हो गए थे।

    सड़कों पर उतरा था पूरा देश

    भारत की राजधानी दिल्ली में 16 दिसम्बर 2012 को हुई इस घटना के बाद पूरा देश सड़कों पर उतर आया था। संयुक्‍त राष्‍ट्र समेत कई देशों ने इस मामले की भर्त्‍सना की थी और पीड़ित को जल्‍द न्‍याय दिलाने की अपील की थी। निर्भया को न्‍याय दिलाने और अपराधियों की जल्‍द गिरफ्तारी के लिए इंडिया गेट पर कई दिनों तक युवाओं समेत देश के बुद्धिजीवियों ने सरकार से धरना और प्रदर्शन कर अपील भी की। एक समय ऐसा भी आया जब हालात बेकाबू होते दिखाई दिए और पुलिस ने इंडिया गेट पर मौजूद हजारों की भीड़ को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के साथ लाठी चार्ज भी किया। इसके लिए मौजूदा यूपीए सरकार की जमकर आलोचना भी हुई थी।

    सदन में मचा था हंगामा

    इस मामले की गूंज सदन में भी सुनाई दी। राज्‍य सभा में इस मामले पर चर्चा के दौरान बॉलीवुड अभिनेत्री और सांसद जया बच्‍चन अपनी बात कहते हुए सदन में रो पड़ी थीं। उनका कहना था कि हमारे लिए यह बेहद शर्मनाक बात है कि हम अपने बच्‍चों की सुरक्षा तक नहीं कर सकते हैं। कैंडल मार्च के दौरान भी उनकी आंखों में आंसू पूरे देश ने देखे थे।

    तत्‍कालीन गृहमंत्री का विवादित बयान

    तत्‍कालीन गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने इस मामले के दौरान ऐसा बयान दे डाला था जिसके बाद निर्भया के समर्थन में उतरे लोग गुस्‍से में आ गए थे। एक ओर जहां निर्भया को लेकर हजारों लोग इंडिया गेट पर सरकार के पक्ष और उनके बयान का इंतजार कर रहे थे, वहीं शिंदे का कहना था कि यह संभव नहीं है कि कोई भी सरकार से सवाल करे और उसका जवाब देने के लिए सरकार सड़क पर खड़ी हो जाए। सरकार अपना काम कर रही है।बाद में उन्‍होंने संसद को आश्वासन दिलाया था कि राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा के लिए सभी ज़रूरी कदम उठाए जाएंगे।

    क्‍या है पूरा मामला

    नई दिल्ली में भौतिक चिकित्सा की प्रशिक्षण कर रही एक युवती पर दक्षिण दिल्ली में अपने पुरुष मित्र के साथ बस में सफर के दौरान 16 दिसम्बर 2012 की रात में बस के ड्राइवर, कंडेक्‍टर व उसके अन्य साथियों ने पहले तो उसको धोखे से अपनी बस में बिठाया। इसके बाद युवती पर फब्तियां कसी। विरोध करने पर इन सभी ने युवती और उसके दोस्‍तों की बुरी तरह से पिटाई भी की। उसके मित्र की तब तक पिटाई की गई जब तक वह बेहोश नहीं हो गया। इसके बाद युवती को जबरन पीछे की सीट पर ले जाया गया और बारी-बारी से सभी ने उसके साथ रेप। किया। यह दरिंदे उसके बेहोश होने पर भी नहीं रुके और उसके साथ रेप करते रहे।

    निर्भया की दर्दनाक मौत

    इस दौरान इन सभी ने युवती की बुरी तरह से पिटाई भी की और उसके शरीर पर गहरे जख्‍म भी दिए। बाद में इन्‍होंने युवती के शरीर में लोहे की रोड डाल दी थी, जिसके बाद उसको असहनीय दर्द और पीड़ा से गुजरना पड़ा था। बाद में वे सभी उन दोनों को एक निर्जन स्थान पर बस से नीचे फेंककर भाग गये। किसी तरह उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया। लेकिन हालत में कोई सुधार न होता देख उसे 26 दिसम्बर 2012 को सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल ले जाया गया जहां उस युवती ने 29 दिसम्बर 2012 को उसकी मौत हो गई। 30 दिसम्बर 2012 को उसका अंतिम संस्‍कार किया गया।

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