Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    समाज में किन्नर अभी भी अछूत : सुप्रीम कोर्ट

    By Edited By:
    Updated: Wed, 23 Oct 2013 05:02 AM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि शिक्षा जैसी सुविधाओं से वंचित रहने के कारण किन्नर आज भी समाज में अछूत की नजर से देखे जाते हैं। उनके लिए काफी कुछ करने की जरूरत है।

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि शिक्षा जैसी सुविधाओं से वंचित रहने के कारण किन्नर आज भी समाज में अछूत की नजर से देखे जाते हैं। उनके लिए काफी कुछ करने की जरूरत है।

    पढ़ें: दूसरी बीवी को भी देना होगा गुजारा भत्ता

    न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और एके सिकरी की पीठ ने कहा, 'किन्नर समाज में अछूत बने हुए हैं। आमतौर पर उन्हें स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में दाखिला नहीं मिलता। उनके लिए बहुत कुछ किया जाना बाकी है।' सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी सांविधिक निकाय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान आई है। याचिका में किन्नरों के लिए पुरुष और महिला के इतर एक अन्य श्रेणी बनाने की मांग की गई है। साथ ही उन्हें पुरुषों व महिलाओं की तरह ही समान सुरक्षा व अधिकार देने की भी मांग की गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नालसा समाज के कमजोर तबके के लोगों को मुफ्त कानूनी सेवा मुहैया कराती है। इसके अलावा वह उनके विवादों के निपटारे के लिए लोक अदालतें भी लगाती है। नालसा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामचंद्रन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि किन्नरों को न्यायिक और संवैधानिक पहचान दी जानी चाहिए। इसके बाद राज्य सरकारें इनकी बेहतरी के लिए जरूरी कदम उठा सकेंगी। सरकार ने इनके लिए एक टास्क फोर्स का गठन भी किया है, जो आगे इनके लिए बेहद मददगार साबित होगी। उन्होंने किन्नरों को नौकरियों में आरक्षण देने की भी मांग की।

    इससे पहले सुप्रीम कोर्ट किन्नरों को तीसरी श्रेणी का नागरिक घोषित करने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर केंद्र व राज्य सरकारों को अपना पक्ष साफ करने का भी निर्देश सुना चुकी है।

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर