पनामा पेपर्स मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अलग एसआइटी की मांग ठुकराई
'मैग' पहले ही सुप्रीम कोर्ट में अपनी सात रिपोर्ट दाखिल कर चुका है और इस मसले की व्यापक रूप से जांच कर रहा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पनामा पेपर्स लीक में उजागर भारतीयों के विदेशी खातों की जांच कराने के लिए अलग विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित करने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ठुकरा दी। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि सरकार की ओर से गठित मल्टी एजेंसी ग्रुप (मैग) पहले से ही इस मामले की जांच कर रहा है।
अधिवक्ता एमएल शर्मा की याचिका पर जस्टिस एके गोयल और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने कहा कि 'मैग' में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और वित्तीय खुफिया इकाई (एफआइयू) के अधिकारी शामिल हैं, इसलिए यह एसआइटी की तरह ही है।
केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पीएस नरसिम्हा ने कहा कि भारतीयों के विदेशी खातों की जांच कोई सामान्य नहीं बल्कि बेहद जटिल मसला है और सरकार की ओर से गठित 'मैग' पहले से ही इसकी जांच कर रहा है। इसके अलावा कालेधन पर एसआइटी अलग से है। उन्होंने बताया कि 'मैग' पहले ही सुप्रीम कोर्ट में अपनी सात रिपोर्ट दाखिल कर चुका है और इस मसले की व्यापक रूप से जांच कर रहा है। इसलिए अलग एसआइटी की कोई जरूरत नहीं है।
वहीं, याचिकाकर्ता एमएल शर्मा ने कहा कि सर्वोच्च अदालत में सील बंद लिफाफे में सात रिपोर्ट दाखिल किए जाने के बावजूद इन मामलों में सरकार ने कोई एफआइआर दर्ज नहीं की है। लेकिन, पीठ ने उनकी मांग ठुकराते हुए याचिका का निपटारा कर दिया।
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