सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई जस्टिस कर्नन की रिट याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नन की याचिका को सुनवाई पर लगाए जाने योग्य नहीं समझा।
नई दिल्ली, माला दीक्षित। सुप्रीम कोर्ट ने आज अवमानना मामले में दोषी ठहराए गए जस्टिस सीएस कर्नन की सजा के खिलाफ दाखिल रिट याचिका को ठुकरा दिया। कोर्ट ने कर्नन की याचिका को सुनवाई पर लगाए जाने योग्य नहीं समझा। कर्नन ने 12 मई को एक रिट याचिका दाखिल की थी, जिसके तहत अवमानना मामले में मिली छह माह सजा को आदेश को कोर्ट से आदेश वापस लेने की मांग की गयी थी।
कर्नन की ओर से यह याचिका उनके वकील मैथ्यू जे नेदुपरा ने दाखिल की थी। कोर्ट की ओर से नेदुपरा को याचिका के जवाब में भेजे गए पत्र में कहा गया कि उनकी ओर से दाखिल याचिका रजिस्ट्रार ने पाया कि याचिका सुनवाई के लिए लगाए जाने योग्य नहीं है और नही ही कोई ऐसा कारण बताया गया है, जिसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट के नियमों के आधार पर याचिका को स्वीकार किया जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने न्यायालय की अवमानना में दोषी ठहराते हुए जस्टिस कर्नन को छह माह की कैद की सजा दी है। वकील मैथ्यू का कहना है कि याचिका के बारे में सुप्रीम कोर्ट से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि सात न्यायाधीशों की पीठ का जस्टिस कर्नन को दोषी ठहराने का आदेश अंतिम माना जाएगा। इसे अनुच्छेद 32 के तहत समानान्तर याचिका दाखिल कर चुनौती नहीं दी जा सकती है।
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