जस्टिस कर्नन की याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने किया इन्कार
उच्च न्यायालय की ओर से कोर्ट की अवमानना के आरोप में जस्टिस कर्नन को छह माह की सजा सुनाई गई थी
नई दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट ने आज कोलकाता हाईकोर्ट के जज जस्टिस कर्नन की सजा में छूट की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने जस्टिस कर्नन के वकील से कहा कि आप कोर्ट का समय बर्बाद कर रहे हैं।
दरअसल, कर्नन की ओर से याचिका दाखिल करके कोर्ट से अपने खिलाफ दिए गए आदेश को रद करने की जल्द सुनवाई की मांग की गई थी। हालांकि कोर्ट ने मामले की सुनवाई अपने तय समय पर किए जाने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय की ओर से कोर्ट की अवमानना के आरोप में जस्टिस कर्नन को छह माह की सजा सुनाई गई थी, साथ ही प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया से जस्टिस कर्नन के किसी भी बयान और आदेश को प्रसारित नहीं करने का निर्देश दिया गया था। उच्च न्यायालय ने जस्टिस कर्नन की तत्काल गिरफ्तारी का भी आदेश दिया था। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद से उनकी ओर से याचिका दाखिल करके अपनी सजा को रद करने की मांग की जा रही है।
उच्च न्यायालय का आदेश बना इतिहास
भारत के न्यायिक इतिहास का यह पहला वाक्या है, जब हाई कोर्ट के किसी जज को अदालत की अवमानना का दोषी मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जेल भेजने का आदेश दिया हो। पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने जस्टिस कर्नन के खिलाफ फैसला देते हुए कहा था कि जस्टिस कर्नन के मानसिक जांच कराने से मना कर दिया, साथ ही खुद को मानसिक तौर पर स्वस्थ्य बताया है। ऐसे में उन्हें सजा में किसी तरह की छूट नहीं दी जा सकती है।
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