सुप्रीम कोर्ट ने अध्यादेश पर रोक लगाने से फिर किया इन्कार
राजस्थान के पंचायत चुनाव में अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता का प्रावधान करने वाले राज्य सरकार के अध्यादेश पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अभी सही समय नहीं है। चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसको नहीं रोका जा सकता। कोर्ट
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राजस्थान के पंचायत चुनाव में अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता का प्रावधान करने वाले राज्य सरकार के अध्यादेश पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अभी सही समय नहीं है। चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसको नहीं रोका जा सकता। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से हाई कोर्ट जाने को कहा है।
राजस्थान सरकार ने गत 24 दिसंबर को अध्यादेश जारी कर पंचायत चुनाव के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय कर दी है। अध्यादेश के मुताबिक सरपंच का चुनाव लड़ने के लिए आठवीं पास होना और अधिसूचित क्षेत्र के उम्मीदवार के लिए पांचवीं पास होना जरूरी है। जबकि जिला परिषद और पंचायत समिति का चुनाव लड़ने के लिए दसवीं पास होना जरूरी है।
राजस्थान में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इसीलिए राजस्थान हाई कोर्ट ने अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका पर कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया था। जिसके खिलाफ अजमेर के एक गांव की सरपंच नौरती बाई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। नौरती बाई की वकील इंद्रा जयसिंह सुप्रीम कोर्ट से अध्यादेश पर रोक चाहती थीं। उनकी याचिका में कहा गया था कि नये अध्यादेश से राजस्थान के 80 फीसद ग्रामीण चुनाव लड़ने से वंचित हो जाएंगे। लेकिन वह कुछ बोलती उसके पहले ही पीठ ने उनसे कहा कि इस मामले में हाई कोर्ट में दो मार्च को सुनवाई होनी है। आप वहीं जाकर अपनी बात रखें और हाई कोर्ट को संतुष्ट करें।
हाई कोर्ट से मामले में जल्दी सुनवाई की मांग कर सकते हैं। इंद्रा जयसिंह ने कहा कि दो मार्च तक बहुत देर हो जाएगी। तब तक तो सब कुछ खत्म हो जाएगा। लेकिन कोर्ट ने कोई आदेश पारित नहीं किया।