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    दिल्ली-एनसीआर में जारी रहेगी 15 साल पुराने वाहनों पर रोक

    By Sudhir JhaEdited By:
    Updated: Mon, 20 Apr 2015 09:37 PM (IST)

    दिल्ली-एनसीआर में 15 साल पुराने पेट्रोल व डीजल वाहनों पर रोक जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने 15 साल पुराने वाहनों पर रोक लगाने वाले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यू ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दिल्ली-एनसीआर में 15 साल पुराने पेट्रोल व डीजल वाहनों पर रोक जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने 15 साल पुराने वाहनों पर रोक लगाने वाले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश में दखल देने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने सोमवार को एनजीटी के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। वहीं, एनजीटी द्वारा दस साल पुराने डीजल वाहनों पर लगाई गई रोक के फैसले के खिलाफ अभी सुप्रीम कोर्ट में कोई याचिका नहीं दाखिल की गई है। फिलहाल ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले को दो हफ्ते के लिए टाला हुआ है। शीर्ष अदालत ने अभी 15 साल पुराने सभी वाहनों पर ही रोक लगाई है।

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    विशाल श्रीपति जोगदानंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर एनजीटी के गत 26 नवंबर व चार मार्च के आदेश को निरस्त करने की मांग की थी। इन आदेशों में एनजीटी ने वायु प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली और एनसीआर में 15 साल पुराने वाहनों पर रोक लगा दी थी। साथ ही अधिकारियों को आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा था। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि एनजीटी ठीक काम कर रही है। उसका समर्थन किया जाना चाहिए न कि उसका बहिष्कार। पीठ ने कहा कि एनजीटी तो सिर्फ संवैधानिक अदालतों (सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट) के पूर्व में दिए गए आदेशों को ही दोहरा रहा है। आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने भी ऐसा प्रतिबंध लगाया था और सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के उस आदेश को स्वीकार करते हुए उसे चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी।

    इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से बहस करते हुए वकील देवाशीष मिश्रा ने कहा कि 15 साल पुराने वाहनों पर रोक लगाने वाला एनजीटी का आदेश निरस्त होना चाहिए। एनजीटी को यह आदेश देने का अधिकार ही नहीं है। मिश्रा की दलील थी कि मोटर वाहन अधिनियम केंद्रीय कानून है और उसमे किसी भी तरह का संशोधन करने का अधिकार केंद्र सरकार को ही है। अदालत अपने आदेश के जरिये मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों में संशोधन नहीं कर सकती।

    कानून में 15 साल पुराने वाहनों का फिटनेस जांचने और फिट पाए जाने पर फिटनेस प्रमाण दिए जाने के प्रावधान है। कानून के मुताबिक फिटनेस प्रमाणपत्र वाला वाहन प्रमाणपत्र की अवधि तक चल सकता है लेकिन एनजीटी के आदेश के बाद फिटनेस प्रमाणपत्र के बावजूद 15 साल पुराना वाहन नहीं चल सकता। एनजीटी के आदेश से दिल्ली-एनसीआर से लाखों वाहन हट जाएंगे, जिससे आम जनता को भारी परेशानी होगी। उन्होंने मौखिक तौर पर एनजीटी के गत सात अप्रैल के आदेश का भी विरोध किया जिसमे दिल्ली-एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर रोक लगाई गई थी। हालांकि, पीठ उनकी दलीलों से प्रभावित नहीं हुई। सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के आदेश में दखल देने से इन्कार करते हुए याचिका खारिज कर दी।

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