एनजीटी के टारगेट पर बिल्डर्स, ग्राहक सकते में
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली व एनसीआर में प्रदूषण की चाल पर लगाम लगाने के लिए 10-15 साल पुराने डीजल व पेट्रोल वाहनों पर रोक लगाने के फरम ...और पढ़ें

नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली व एनसीआर में प्रदूषण की चाल पर लगाम लगाने के लिए 10-15 साल पुराने डीजल व पेट्रोल वाहनों पर रोक लगाने के फरमान के बाद अब नया फरमान जारी किया है। एनजीटी के नए फरमान के तहत दिल्ली व एनसीआर में अब प्रदूषण फैलाने वाले बिल्डरों का भी काम बंद किया जाएगा।
एनजीटी के इस फरमान से वे ग्राहक सकते में पड़ गए हैं जिन्होंने बड़े-बड़े बिल्डरों के मार्फत फ्लैट के लिए मोटी रकम खर्च की है। ग्राहकों को इस बात की चिंता सता रही है, यदि एनजीटी ने उनके बिल्डरों का काम रोक दिया तो फ्लैट मिलने में ज्यादा वक्त लगेगा और वक्त कितना लग सकता है इसकी कोई समय सीमा भी निर्धारित नहीं है। अमूमन कोई भी बिल्डर ग्राहक को फ्लैट का अधिकार देने में कम से कम तीन साल का वक्त लेता ही है। एनजीटी के नियमों के उल्लंघन में कोई बिल्डर फंसा तो उसे ग्राहक को फ्लैट का अधिकार तय समय में देना मुश्किल होगा।
एनजीटी ने साफ कहा कि अगर कोई बिल्डर या भूस्वामी निर्माण करते वक्त वर्ष 2010 के केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। एनजीटी ने इस संबंध में पुलिस, शहरी विकास, नगर निगमों और राज्य सरकार के अधिकारियों सहित सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को वर्ष 2010 के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। एनजीटी ने कहा कि इन दिशा-निर्देशों का प्रभावी क्रियान्वयन हो। हमें टालमटोल नहीं चाहिए।
ग्राहकों ने भरी विरोध की हुंकार
नोएडा सेक्टर-70 में पूर्वा सोसाइटी के फ्लैट में मोटी रकम लगा चुके लोगों ने विरोध का भी एलान कर दिया है। ग्राहकों के एक समूह ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि वे बिल्डरों के गलत कार्यों व एनजीटी से जुड़े अनसुलझे पहलुओं के खिलाफ आगामी 12 अप्रैल को 11 बजे सुबह पूर्वा सोसाइटी की साइट पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।