नई शिक्षा नीति में खत्म होगा आठवीं तक फेल नहीं करने का नियम
केंद्र सरकार के ट्विटर हैंडल माईगोव इंडिया पर नई शिक्षा नीति का स्वरूप जारी किया गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लंबी प्रतीक्षा के बाद आखिरकार केंद्र सरकार ने संकेत दे दिए हैं कि नई शिक्षा नीति का स्वरूप कैसा होगा। बुधवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे के अहम बिंदु जारी कर दिए गए। केंद्र सरकार के ट्विटर हैंडल माईगोव इंडिया पर जारी करते हुए हालांकि यह साफ नहीं किया कि बिंदु कैसे तैयार किए गए।
पूर्व कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रह्माण्यम की अध्यक्षता में बनाई गई मसौदा समिति की रिपोर्ट की इसमें कोई चर्चा नहीं है। न ही यह बताया गया कि इसे जारी करने से पहले राज्यों से कोई चर्चा हुई या नहीं।मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से जारी अहम बिंदु या 'इनपुट' में स्कूलों में छात्रों के सीखने के स्तर पर गंभीर चिंता जताई गई है।
इसमें साफ तौर पर कहा गया कि आठवीं तक बच्चों को फेल नहीं करने की मौजूदा नीति को बदला जाएगा क्योंकि इससे छात्रों के अकादमिक प्रदर्शन पर गंभीर असर पड़ा है। इसे पांचवीं तक सीमित किया जाएगा। इसी तरह प्रस्ताव किया गया है कि आइएएस और आइपीएस की तरह शिक्षा व्यवस्था के लिए अलग अखिल भारतीय कैडर तैयार किया जाए जिसका नियंत्रण मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पास हो।
प्रस्ताव किया गया कि सभी राज्य छात्रों को पांचवीं तक की शिक्षा उनकी मातृभाषा अथवा स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में दें। इसी तरह अंग्रेजी के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे दूसरी भाषा का दर्जा देने की सिफारिश की गई है। व्यापक स्तर पर ओपन अॅानलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने की जरूरत पर ध्यान देते हुए इस काम के लिए अलग से स्वायत्त संस्थान शुरू करने की सिफारिश की है।
स्थानीय और राष्ट्रीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नियमित रूप से ऑनलाइन पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा।इससे पहले मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने के लिए पूर्व कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रह्माण्यम की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी। मगर उनके अनुरोध के बावजूद एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी ने उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक करने से इन्कार कर दिया था।
उन्होंने कहा था कि मसौदा तभी जारी होगा, जब राज्यों से एक बार फिर संपर्क कर लिया जाएगा। हालांकि बुधवार को जारी मसौदे में सुब्रह्माण्यम समिति की अधिकांश सिफारिशें शामिल कर ली गई हैं। मगर इसकी भाषा इस समिति की रिपोर्ट से पूरी तरह से अलग है।
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