Move to Jagran APP

दस-दस हजार रुपये देकर छात्रों से रखवाए गए बम

देश के भविष्य कहे जाने वाले छात्रों ने चंद रुपयों की खातिर लोगों की जान व अपने ईमान का सौदा कर डाला। आतंकियों के हाथ बिके इन छात्रों ने ही नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान रविवार को गांधी मैदान में बम रखे थे। इसका खुलासा पुलिस गिरफ्त में आए इम्तियाज से पूछताछ में हुआ है। उसने एनआइए (राष्ट्रीय जांच एजेंस

By Edited By: Published: Wed, 30 Oct 2013 12:54 AM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2013 11:23 AM (IST)
दस-दस हजार रुपये देकर छात्रों से रखवाए गए बम

पटना, [प्रशांत कुमार]। देश के भविष्य कहे जाने वाले छात्रों ने चंद रुपयों की खातिर लोगों की जान व अपने ईमान का सौदा कर डाला। आतंकियों के हाथ बिके इन छात्रों ने ही नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान रविवार को गांधी मैदान में बम रखे थे। इसका खुलासा पुलिस गिरफ्त में आए इम्तियाज से पूछताछ में हुआ है। उसने एनआइए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को बताया कि वह और तहसीन अपनी टोली के साथ रांची से 18 बम लेकर पटना आए थे। जहां बमों को रैली स्थल पर लगाने का काम पटना के लॉज में रहकर पढ़ाई करने वाले कुछ छात्रों को दिया था। इसके बदले उन्हें दस-दस हजार रुपये दिए गए थे।

loksabha election banner

पढ़ें: धमाकों के सूत्रधार तलाशने में जुटीं एजेंसियां

इम्तियाज ने बताया है कि इंडियन मुजाहिदीन ने ही बोधगया ब्लास्ट के बाद पटना में ब्लास्ट की साजिश रची गई थी। बोधगया ब्लास्ट की तरह पटना में भी टाइमर के रूप में लोटस ब्रांडनेम वाली घड़ी का इस्तेमाल किया गया। गांधी मैदान में बम ब्लास्ट से पहले वह तहसीन के साथ कई बार पटना आया। हर बार वे सब्जीबाग, भंवर पोखर और नया टोला स्थित लॉज में ठहरे और उनमें रहने वाले छात्रों को कौम से जुड़ी भड़काऊ सीडी एवं वीडियो दिखा संगठन से जोड़ने का प्रयास किया। रुपये के लोभ में फंसकर आठ छात्र उनके संगठन से जुड़ गए। जिनकी पढ़ाई का खर्चा बाद में आइएम उठाने लगा। हर माह किसी न किसी माध्यम से इन छात्रों तक रुपये पहुंचा दिए जाते थे। जांच एजेंसी ने उन छात्रों के नाम अभी गोपनीय रखे हैं।

इम्तियाज ने बताया कि रविवार को भी रांची से पहुंचने पर इन आठ छात्रों को लैपटॉप बैग के साथ मीठापुर बस स्टैंड बुलाया था। जहां सभी के बैग में टाइमर बम रखकर उन्हें बमों को सक्रिय करने की विधि भी बताई गई। सभी छात्रों को आतंकियों ने दस-दस हजार रुपये दिए और गांधी मैदान में बमों को रखने के लिए कहा। एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) के पास इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं सभी बम एक ही बनावट व तरीके के हैं। इम्तियाज के बयान से एनएसजी की इस जांच को बल मिला है कि गांधी मैदान में प्लांट सभी बम इसलिए नहीं फटे क्योंकि उन्हें रखने वालों को सही तरीके से प्रशिक्षण नहीं दिया गया था।

गांधी मैदान में पांच और बम मिले

जागरण संवाददाता, पटना : भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की रविवार को पटना में रैली के दौरान हुए सीरियल ब्लास्ट के 48 घंटे बाद मंगलवार को भी गांधी मैदान में पांच बम बरामद किए गए। जांच के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के बम स्क्वायड ने रात आठ बजे तक बमों को विस्फोट करा नष्ट कर दिया है।

पहला टाइमर बम सुबह 11 बजे एसके मेमोरियल हाल के दूसरे गेट के सामने अंदर की ओर मैदान की चारदीवारी पर रखा था। जबकि तीन बम एकसाथ टेंट के सामान से ढके मैदान के बीच मिले। इसके अलावा एक और बम गांधी मैदान के उत्तरी गेट के पास मैदान के भीतर मिला। सुरक्षाकर्मियों ने अधिक तीव्रता वाले बम बरामद होने के बाद गांधी मैदान की चारदीवारी को सील कर दिया गया है। मौके पर पुलिस महकमे के आला अधिकारी, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) व एनएसजी की टीम, डाग स्क्वायड और बम स्क्वायड भी मौजूद हैं। चारदीवारी से सटी सड़क पर भी वाहनों का परिचालन बंद कर दिया गया है और मीडियाकर्मियों को 150 मीटर दूर रोक दिया गया है। इससे पहले एनएसजी दस्ते ने बाउंड्री पर सफेद रंग की प्लास्टिक से ढका बम बरामद किया था। इन बमों में चार को डिफ्यूज करने में एनएसजी टीम को भी पसीना छूट गया। लगभग चार घंटे की कवायद के बाद भी वह बम को डिफ्यूज नहीं कर सकी। उसके बाद बिहारी तकनीक यानी लकड़ी पर केरोसिन झिड़क आग लगा गर्म किया गया और बम डिफ्यूज हो सके।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.