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    गिरफ्तारी से बचने के लिए अंडरग्राउंड हुए पत्थरबाज

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Thu, 13 Oct 2016 07:41 PM (IST)

    कश्मीर में सुरक्षाबलों और पुलिस पर पथराव करने वाले पत्थरबाज अंडरग्राउंड हो गए हैं।

    श्रीनगर, (नवीन नवाज)। घाटी में पुलिस की धरपकड़ से बचने के लिए बड़ी संख्या में पत्थरबाज भूमिगत हो गए हैं। रात को शायद ही कोई पत्थरबाज या अलगाववादियों के इशारे पर जबरन बंद कराने वाले शरारती तत्व अपने घर या किसी निकट संबंधी के पास रुक रहा हो। वह सिर्फ दिन में ही नकाब पहन कर पथराव करते नजर आ रहे हैं।

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    एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हालात में सुधार का एक बड़ा कारण नामी पत्थरबाजों की गिरफ्तारी है। हमने युवाओं को पथराव के लिए उकसाने वाले तत्वों को भी पकड़ा है। लगभग 7500 लोगों को पकड़ा गया है। इनमें से 1900 सूचीबद्घ कुख्यात पत्थरबाज हैं।

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    उन्होंने बताया कि श्रीनगर के डाउन-टाउन का कुख्यात पत्थरबाज सरफराज भी आठ वर्षो से फरार था। वह भी पकड़ा गया है। उस पर एक लाख रुपये का इनाम था। सिर्फ श्रीनगर शहर के विभिन्न हिस्सों से 600 से ज्यादा पत्थरबाज पकड़े गए हैं। आइजीपी कश्मीर एसजेएम जिलानी ने बताया कि हम वीडियो फुटेज, तस्वीरें व अन्य सुरागों के आधार पर पहले पत्थरबाजों और राष्ट्रविरोधी तत्वों की निशानदेही की जाती है। उसके बाद ही उन्हें हिरासत में लिया जाता है।

    पुलिस की ओर से पत्थरबाजों व शरारती तत्वों की धरपकड़ के लिए गठित विशेष दस्ते में शामिल इम्तियाज नाम के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस छापों से बचने के लिए अब यह लोग रात को अपने घर में ही नहीं बल्कि अपने रिश्तेदार के घर भी नहीं रुक रहे हैं। हमने एक पत्थरबाज को श्रीनगर से करीब 20 किलोमीटर दूर उसके एक दोस्त के ननिहाल से पकड़ा है।

    मस्जिदों से करें एलान

    रात में पुलिस की छापेमारी से अलगाववादी नेताओं व कार्यकर्ताओं में जबरदस्त हलचल मची हुई है। वह लोगों से आग्रह कर रहे हैं कि रात को वह अपने मुहल्लों में बारी-बारी से पहरा दें। जब भी पुलिस या सुरक्षाबल उनके इलाके में आएं तो मस्जिदों से एलान कर लोगों को सचेत करें ताकि किसी की गिरफ्तारी न हो सके।

    पुलिस को रोकने के लिए नाके

    रात में पुलिस की आमद को रोकने के लिए शरारती तत्व और उनके समर्थक अंधेरा होते ही अपने-अपने इलाकों में नाके लगा रहे हैं। किसी जगह रस्सियों से रास्ता बंद किया जाता है तो किसी जगह पत्थरों और पुराने टायरों या फिर पेड़ गिराकर। इसके अलावा जब कोई वहां से गुजरता है तो युवक पहले उसकी पूरी जांच-पड़ताल करते हैं। उसके वाहन की तलाशी ली जाती है। उससे रात में घूमने का कारण पूछा जाता है फिर घर का पता लिया जाता है।

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