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पर्यावरण मंत्रालय में भी जासूसी

पेट्रोलियम, कोयला, ऊर्जा व रक्षा मंत्रालयों के अलावा पर्यावरण मंत्रालय में भी जासूसी हो रही थी। गोपनीय दस्तावेज चोरी कर उन्हें ऊर्जा कंपनियों, पत्रकार शांतनु सैकिया व कंसल्टेंट कंपनी चलाने वाले प्रयास जैन को बेचने के मामले में क्राइम ब्रांच ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनकी पहचान

By Sachin kEdited By: Published: Thu, 26 Feb 2015 08:50 PM (IST)Updated: Thu, 26 Feb 2015 09:59 PM (IST)
पर्यावरण मंत्रालय में भी जासूसी

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पेट्रोलियम, कोयला, ऊर्जा व रक्षा मंत्रालयों के अलावा पर्यावरण मंत्रालय में भी जासूसी हो रही थी। गोपनीय दस्तावेज चोरी कर उन्हें ऊर्जा कंपनियों, पत्रकार शांतनु सैकिया व कंसल्टेंट कंपनी चलाने वाले प्रयास जैन को बेचने के मामले में क्राइम ब्रांच ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनकी पहचान विपिन कुमार व जितेंद्र नागपाल के रूप में हुई है। विपिन पेट्रोलियम व नैचुरल गैस मंत्रालय में कर्मचारी रह चुका है, जबकि जितेंद्र पर्यावरण मंत्रालय में नौकरी करता है। दोनों ने खुलासा किया कि वे कई साल से जासूसी का काम कर रहे थे। गोपनीय दस्तावेज ईमेल के जरिये भी भेजते थे।

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क्राइम ब्रांच के मुताबिक, विपिन कुमार (42) ने 1996 में पेट्रोलियम व नैचुरल गैस मंत्रालय में मल्टी टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) में नौकरी शुरू की। 2011 में नौकरी छोड़कर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) में एक सदस्य का निजी सहायक बन गया। जितेंद्र नागपाल (40) ने 1994 में कानून व न्याय मंत्रालय में बतौर स्टेनोग्राफर नौकरी शुरू की।

इसके बाद पर्यावरण व वन मंत्रालय में तैनात एक संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी का निजी सचिव बन गया। 1994 से 2007 तक वह कानून मंत्रालय में रहा। फिर दो साल केंद्रीय रसायन व उर्वरक मंत्रालय में नौकरी की। वह अपने बेहतर संपर्को के जरिये मंत्रालयों के गोपनीय दस्तावेज विपिन कुमार व लोकेश शर्मा से लेकर ऊर्जा कंपनियों व अन्य को बेच देता था।

अब तक 16 गिरफ्तार

पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी के मुताबिक, जासूसी मामले में अब तक 16 आरोपी पकड़े जा चुके हैं, जिनमें पांच विभिन्न ऊर्जा कंपनियों के अधिकारी व अन्य विभिन्न मंत्रालयों में एमटीएस में काम करने वाले हैं। जांच जारी है, जिनके खिलाफ सुबूत मिलेंगे उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।

पढ़ेंः ज्यादातर कर्मचारी करते थे जासूसी


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