मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने विजय माल्या भगोड़ा घोषित किया
शराब कारोबारी विजय माल्या को बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में स्पेशल पीएमएलए कोर्ट भगोड़ा घोषित कर दिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय बैंकों से अरबों रुपये लेकर विदेश भाग चुके उद्योगपति विजय माल्या पर कानूनी शिकंजा और कस गया है। गैरकानूनी तरीके से विदेश से पैसा लाने व इसके इस्तेमाल पर रोक लगाने संबंधी कानून प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत विशेष कोर्ट ने माल्या को भगोड़ा घोषित कर दिया है।
उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आवेदन पर भगोड़ा घोषित किया है। भगोड़ा घोषित होने से वैसे माल्या को स्वदेश लाने की प्रक्रिया पर बहुत ज्यादा असर तो नहीं पड़ेगा लेकिन उनकी भारत स्थित तमाम परिसंपत्तियों को जब्त करने की राह जरूर आसान हो जाएगी क्योंकि अब ईडी के पास उनकी हर तरह की संपत्ति को जब्त करने का अधिकार होगा।विशेष न्यायाधीश पीआर भावके ने मंगलवार को अपने आदेश में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के आवेदन को मंजूर किया जाता है और विजय माल्या को भगोड़ा घोषित किया जाता है।
शराब कारोबारी के खिलाफ ईडी ने सीआरपीसी की धारा 82 के तहत शिकायत की थी। ईडी की ओर से माल्या के खिलाफ आइडीबीआइ बैंक के 900 करोड़ रुपये के कर्ज की राशि को दूसरे उद्देश्यों में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है। माल्या के 02 मार्च, 2016 के लंदन चले जाने के बाद से ही ईडी ने इस मामले की जांच तेज कर दी है। ईडी की तरफ से बार-बार माल्या को उपस्थित होने का आदेश जारी करने के बावजूद उन्होंने ऐसा नहीं किया।
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इसके बाद ईडी की अनुशंसा पर विदेश मंत्रालय माल्या का पासपोर्ट भी रद कर चुका है। विदेश मंत्रालय की तरफ से ब्रिटिश सरकार को माल्या को भारत भेजने का आग्रह भी किया गया था जिसे ब्रिटेन पहले ही खारिज कर चुका है। ब्रिटेन ने माल्या के प्रत्यर्पण के प्रस्ताव पर विचार करने का भरोसा दिलाया है।माल्या ने दो दिन पहले ही ब्रिटेन से अपने बचाव में नया बयान जारी कर कहा था कि वे पूरी तरह से बेगुनाह हैं और भारत में उन पर गलत मामला चलाया जा रहा है। बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के बारे में उन्होंने कहा कि वह अपने कारोबार में असफल रही और बंद हो गई।
इसके लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। सनद रहे कि माल्या के खिलाफ देश की कई एजेंसियां जांच कर रही हैं। सीबीआइ ने भी उनसे जुड़े मामले की जांच के लिए विशेष टीम गठित की है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और सेवा कर विभाग की तरफ से अलग से जांच की जा रही है। ईडी ने उनकी कुछ परिसंपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।ईडी के वकील नितिन वेनेगांवकर ने भगोड़ा घोषित होने की कार्रवाई को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि, 'माल्या को कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए भारत लाने में यह कदम कारगर साबित हो सकता है। क्योंकि भगोड़ा घोषित होने के तीस दिनों के भीतर उस व्यक्ति को अदालत में पेश होना होता है। अगर अब भी अदालत में पेश नहीं होते हैं तो उनकी तमाम परिसंपत्तियों को जब्त कर उसकी बिक्री की जा सकती है।' ऐसे में इस मामले में जिस संपत्ति को माल्या की तरफ से बंधक नहीं रखा गया होगा उसकी बिक्री भी ईडी कर सकेगा।
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