काला धन लाने पर टैक्स हैवन देशों से सीधी बात
भारतीय कर प्राधिकार और काले धन की जांच एजेंसियों ने विदेश में अवैध रूप से रखे गए गुप्त धन को जल्द भारत वापस लाने को कमर कस ली है।
नई दिल्ली । भारतीय कर प्राधिकार और काले धन की जांच एजेंसियों ने विदेश में अवैध रूप से रखे गए गुप्त धन को जल्द भारत वापस लाने को कमर कस ली है। इसके लिए जांच एजेंसियां जल्द ही टैक्स हेवन देशों से एक-एक करके आमने-सामने बातचीत करेगी। ताकि उनके देशों से कम से कम समय में देश का धन वापस लाने में अधिकाधिक सहयोग मिल सके।
वित्त मंत्रालय ने वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल गठित करके संबंधित देशों से भारत में या उनके देशों में द्विपक्षीय बातचीत कराने का फैसला किया है। काले धन पर गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) और अन्य वित्तीय एजेंसियों से सलाह-मशविरे के बाद वित्त मंत्रालय ने यह कदम उठाया है। ताकि काले धन की वापसी की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी हो सके।
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने इस फैसले का कारण बताते हुए कहा कि विदेश में जमा काले धन पर कागजी दस्तावेजों को तैयार करने और संवाद स्थापित करने में लग रहे अधिक समय को अब सीमित किया जाएगा। मंत्रालय के कुछ वरिष्ठ अधिकारी और उनसे संबंध अन्य क्षेत्रों के कुछ अधिकारी इस संबंध में बैठकें करेंगे। और काले धन के रखवाले देशों से सीधे तौर पर संपर्क स्थापित करेंगे। ताकि इस विषय में जारी अपीलों को आमने-सामने की बातचीत में संज्ञान में लाया जाएगा और उनसे जुड़े मसले हल किए जाएंगे। इस विषय में सरकार के दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं। दूसरे देशों के बैंक अधिकारियों से बातचीत और पूछताछ के लिए एसआइटी के दिशा-निर्देशों के तहत सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) ने तैयार की है। उन्होंने बताया कि इस विषय में टैक्स हेवन कहे जाने वाले देश ब्रिटिश वर्जीनिया आइलैंड, जरसी, यूएई और सिंगापुर आदि हैं जिनसे निकट भविष्य में एक के बाद एक बातचीत की जाने की योजना है। इस संबंध में सरकार इस साल आधा दर्जन देशों से बातचीत की तैयारी कर चुकी है। इसमें कई यूरोपीय देशों की संस्था यूरोपीय संघ भी शामिल है।
उल्लेखनीय है कि कुछ समय पूर्व अंतरराष्ट्रीय समूहों के कुछ खोजी पत्रकारों ने कर चोरी करके विदेश में काला धन जमा करने वाले करीब एक दर्जन लोगों के नाम उजागर किए थे। इसी सिलसिले में जांचकर्ताओं को कुछ नए साक्ष्य मिले हैं। इसके संबंध में जांच कर्ताओं को अधिक तफ्तीश की जरूरत है।
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