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    भूमि अधिग्रहण पर साथ आए अन्ना-सोनिया

    By Rajesh NiranjanEdited By:
    Updated: Thu, 19 Mar 2015 04:01 AM (IST)

    मोदी सरकार को घेरने के लिए हर विकल्प आजमा रही कांग्रेस भूमि अधिग्रहण पर अन्ना हजारे का साथ पाने में कामयाब हो गई है। कभी सोनिया गांधी की कांग्रेस के खिलाफ जंतर मंतर पर धरने पर बैठे अन्ना ने कांग्रेस अध्यक्ष से सहयोग मांगा है। सोनिया को पत्र लिखकर हजारे

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मोदी सरकार को घेरने के लिए हर विकल्प आजमा रही कांग्रेस भूमि अधिग्रहण पर अन्ना हजारे का साथ पाने में कामयाब हो गई है। कभी सोनिया गांधी की कांग्रेस के खिलाफ जंतर मंतर पर धरने पर बैठे अन्ना ने कांग्रेस अध्यक्ष से सहयोग मांगा है। सोनिया को पत्र लिखकर हजारे ने राज्यसभा में भूमि विधेयक को पारित न होने देने की अपील की है। हजारे के जवाब में सोनिया ने उन्हें 14 पार्टियों के साथ विरोध मार्च का उल्लेख करते हुए बिल को पास न होने देने की बात कही है।

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    इससे पहले भी अन्ना के कांग्रेस नेताओं के संपर्क में होने की खबरें मीडिया में आ रहीं थीं। माना जा रहा था कि जंतर-मंतर पर अन्ना के आंदोलन में कांग्रेस भी शामिल हो सकती है। हालांकि, कतिपय कारणों से ऐसा नही हो पाया। वैसे यह पहला मौका नही है जब हजारे ने सोनिया को पत्र लिखा है। इससे पहले हजारे ने सोनिया को पत्र लिखकर अपने भाजपा से जुड़े होने के आरोपों का खंडन किया था। उस समय अन्ना केंद्र में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे, जबकि कांग्रेस नेता उन्हें आरएसएस का मुखौटा बता रहे थे।

    इस बीच अन्ना ने अपनी भूमि अधिग्रहण विरोधी प्रस्तावित पद यात्रा को टालने का फैसला किया है। अन्ना के मुताबिक उनसे मिलने आए किसान नेताओं ने इस समय किसानों के खेती में व्यस्त होने का हवाला देते हुए पद यात्रा को आगे बढ़ाने की मांग की थी। इसके बाद उन्होंने इसे टालने का फैसला किया। अन्ना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिख चुके हैं। हालांकि, वह पत्र काले धन के संदर्भ में था।

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