Move to Jagran APP

दिल्ली की दौड़ में हमें भूले मोदी: डीजी वंजारा

सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले के मुख्य आरोपी विवादास्पद आइपीएस अफसर डीजी वंजारा ने मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सिपहसालार अमित शाह के खिलाफ नाराजगी जताते हुए इस्तीफा दे दिया है। वंजारा ने खुले पत्र में लिखा है कि मोदी को वे भगवान की तरह मानते थे, लेकिन दिल्ली की दौड़ में वह जेल में बंद अपने उन अधिकारियों को भूल गए जो पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से लड़े।

By Edited By: Published: Tue, 03 Sep 2013 05:37 PM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2013 02:10 PM (IST)
दिल्ली की दौड़ में हमें भूले मोदी: डीजी वंजारा

अहमदाबाद [शत्रुघ्न शर्मा]। सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले के मुख्य आरोपी विवादास्पद आइपीएस अफसर डीजी वंजारा ने मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सिपहसालार अमित शाह के खिलाफ नाराजगी जताते हुए इस्तीफा दे दिया है। वंजारा ने खुले पत्र में लिखा है कि मोदी को वे भगवान की तरह मानते थे, लेकिन दिल्ली की दौड़ में वह जेल में बंद अपने उन अधिकारियों को भूल गए जो पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से लड़े।

loksabha election banner

पढ़ें: इशरत मुठभेड़ में मोदी-शाह से होगी पूछताछ

गुजरात कैडर के 1987 बैच के आइपीएस वंजारा ने 1 सितंबर को साबरमती जेल से गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजे अपने इस्तीफे में कहा है, सरकार की नाक के नीचे से सीआइडी क्राइम ब्रांच ने मुझे गिरफ्तार किया और सरकार कुछ नहीं कर सकी।

पढ़ें: फर्जी थी इशरत मुठभेड़

लेकिन, जब अमित शाह गिरफ्तार हुए तो सरकार पूरी रणनीति के साथ उनके बचाव में उतर आई। अपने अधिकारियों को बचाना तो दूर मोदी और शाह ने कभी हमारी सुध तक नहीं ली। शाह को बचाने के लिए मोदी ने देश के नामी वकील राम जेठमलानी को बुला लिया, लेकिन हमारे लिए एक अच्छे वकील तक की व्यवस्था नहीं की गई।

वंजारा ने पत्र में अपनी वेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि मोदी ने मुठभेड़ का राजनीतिक लाभ उठाया। मोदी पूरी तरह अमित शाह के प्रभाव में हैं। शाह ने अधिकारियों का उपयोग अपने स्वार्थ के लिए किया। उनकी नीति फूट डालो ओर राज करो की रही है। गृह विभाग ने हालांकि ऐसा कोई पत्र मिलने से इन्कार किया है।

वंजारा कभी गुजरात के सुपरकॉप और मुख्यमंत्री मोदी के चहेते अफसर माने जाते थे। उन पर गैंगस्टर सोहराबुद्दीन की फर्जी मुठभेड़ में हत्या, उसकी पत्नी कौसरबी की हत्या, तुलसीराम प्रजापति, इशरत जहां और सादिक जमाल मुठभेड़ समेत करीब एक दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले में वह छह साल से जेल में बंद हैं।

वंजारा से पहले इशरत मुठभेड़ मामले के आरोपी आइपीएस जीएल सिंहल ने भी इस्तीफा दे दिया था। कुछ माह जेल में रहने के बाद सिंहल को तकनीकी आधार पर जमानत मिल गई थी। अब वंजारा भी उनके नक्शे कदम पर हैं।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.