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    कोडनानी की जल्द सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

    By Sanjay BhardwajEdited By:
    Updated: Wed, 08 Apr 2015 01:31 AM (IST)

    साल 2002 नरोदा पाटिया दंगा मामले में सजायाफ्ता गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी की अपील पर गुजरात हाई कोर्ट में जल्द सुनवाई को लेकर एसआइटी और पीडि़तों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शीर्ष न्यायालय नौ अप्रैल को मामले की सुनवाई करेगा।

    नई दिल्ली। साल 2002 नरोदा पाटिया दंगा मामले में सजायाफ्ता गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी की अपील पर गुजरात हाई कोर्ट में जल्द सुनवाई को लेकर एसआइटी और पीडि़तों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शीर्ष न्यायालय नौ अप्रैल को मामले की सुनवाई करेगा।

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    दंगों की जांच करने वाली एसआइटी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि दंगा मामले में गुजरात हाई कोर्ट सिर्फ माया कोडनानी की अपील पर सुनवाई कर रहा है, जबकि इस केस में 31 और भी सजायाफ्ता हैं। उनकी अपील भी लंबित है, लेकिन हाई कोर्ट की बेंच सिर्फ माया की अपील पर ही तेजी से सुनवाई कर रहा है।

    मामले के एक जज अगले महीने सेवानिवृत होने वाले हैं। याचिका में कहा गया कि आपराधिक मामले में सभी सजायाफ्ता की अपील सुनी जानी चाहिए। ऐसी ही याचिका नरोदा पाटिया के पीडि़तों ने भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है।

    मौजूद थीं माया : एसआइटी

    अहमदाबाद में गुजरात हाई कोर्ट में माया व अन्य की याचिका पर सुनवाई के दौरान एसआइटी ने कहा कि कोडनानी दंगे के समय प्रभावित इलाके में मौजूद थीं। माया व अन्य ने हाई कोर्ट में मामले में खुद को बरी करने की मांग वाली याचिका दायर की है।

    सोहराबुद्दीन मामले में विपुल की अर्जी खारिज

    मुंबई : विशेष सीबीआइ कोर्ट ने मंगलवार को वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी विपुल अग्रवाल की खुद को बरी करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। अग्रवाल को सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति मुठभेड़ मामले में गिरफ्तार किया गया था। सीबीआइ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'बरी करने की मांग वाली अग्रवाल की याचिका खारिज हो गई है।'

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