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एसआइटी फिर से करेगी 186 सिख विरोधी दंगों की जांच

सिख दंगों के लिए बनाई गई एसआइटी 186 मामलों की दोबारा जांच कर सकती है।1984 में हुए दंगे के दौरान 3,325 लोग मारे गए थे।

By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 24 Jun 2016 11:24 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2016 01:49 AM (IST)
एसआइटी फिर से करेगी 186 सिख विरोधी दंगों की जांच

नई दिल्ली, (पीटीआई)। केंद्र सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) दिल्ली और कुछ अन्य राज्यों में सिख विरोधी दंगे से संबंधित 186 मामलों की दोबारा जांच कर सकती है। 1984 में हुए दंगे के दौरान 3,325 लोग मारे गए थे। इनमें से अकेले दिल्ली में 2,733 मौतें हुई थी जबकि शेष उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में हुई थी।

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गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रथम दृष्टया पाया गया है कि दंगे के 186 मामलों की दोबारा जांच की जा सकती है और एसआइटी इस पर विचार कर रही है। हालांकि हर मामले पर अभियोजन को संबंधित अदालत से अनुमति लेनी होगी। यह कदम पंजाब में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले उठाया गया है।

सबूत के अभाव में दिल्ली पुलिस ने 241 मामलों को बंद कर दिया था। जस्टिस नानावती आयोग ने केवल चार मामले फिर से खोलने की सिफारिश की थी, लेकिन भाजपा सभी मामलों को फिर से खोलना चाहती है। सीबीआइ ने केवल चार मामले खोले और दोबारा जांच की। दो मामलों में जांच एजेंसी ने आरोप पत्र दाखिल किया है एक मामले में एक पूर्व विधायक सहित पांच लोग दोषी ठहराए गए हैं।

गृह मंत्रालय द्वारा गठित जस्टिस (सेवानिवृत) जीपी माथुर समिति की सिफारिश पर 12 फरवरी 2015 को एसआइटी का गठन किया गया। तीन सदस्यीय एसआइटी में दो महानिरीक्षक रैंक के आइपीएस अधिकारी और एक न्यायिक अधिकारी शामिल हैं। एसआइटी गठित होने के समय सरकार ने कहा था कि छह माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। अज्ञात कारणों से एसआइटी के काम में देरी हुई।

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