Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    सिमी आतंकियों की भोपाल की पहाड़ी में ही ठहरने की थी योजना

    By Gunateet OjhaEdited By:
    Updated: Wed, 02 Nov 2016 05:52 AM (IST)

    मुठभेड़ सोमवार को ईटखेड़ी के पास मनीखेड़ी पहाड़ी पर हुई। ...और पढ़ें

    नईदुनिया, भोपाल। पुलिस ने जिस जगह पर सिमी आतंकियों को मार गिराया, आतंकियों को उस इलाके के बारे में ठीक से जानकारी थी। लगता है कि वे वहां की एक गुफा में एक-दो दिन छिपकर रहने की तैयारी से आए थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह मुठभेड़ सोमवार को ईटखेड़ी के पास मनीखेड़ी पहाड़ी पर हुई। यहां से करीब 500 मीटर की दूरी पर एक गुफा है। यह करीब 10 से 12 फीट गहरी है। लगता है कि आतंकी इसी गुफा में छिपने के इरादे से यहां आए होंगे। लेकिन गांव वालों ने उन्हें देख लिया, इस कारण उन्हें पहाड़ी पर भागना पड़ा। पुलिस को उनके पास से बड़ी मात्रा में ड्रायफ्रूट्स भी मिले हैं। इससे ही लगता है कि आतंकियों को इस गुफा की पूरी जानकारी थी।

    इसलिए चुनी होगी यह जगह

    सरपंच मोहन सिंह मीणा बताते हैं कि घटनास्थल के पास एक धार्मिक स्थल है। पहले गांव के सभी लोग वहां जाते थे क्योंकि यह दूसरे गांव की ओर जाने वाले रास्ते के बीच में था। करीब 10 साल पहले दूसरे गांव तक जाने के लिए एक अन्य छोटा रास्ता बनने से लोगों ने इसका उपयोग बंद कर दिया। इसके बाद यह जगह सुनसान हो गई। यहां की गुफा भी आसानी से नजर नहीं आती है। यहां तक कोई जानकार या गांव का आदमी ही पहुंच सकता है। आशंका जताई जा रही है कि आतंकियों ने इसलिए इस जगह को चुना होगा ताकि कुछ दिन गुजारने के बाद मामला शांत होने पर आसानी से बाहर निकल जाएंगे।

    पुलिस को भी शक, दीवार के दूसरी ओर कोई था

    भोपाल जेल ब्रेक कांड की विभागीय जांच में भी यह आशंका गहरा रही है कि आतंकियों को भागने में जेल के अंदर और बाहर- दोनों से मदद मिली होगी।

    जेल की दीवार पर कपड़े की सीढ़ी के सहारे तभी चढ़ा जा सकता है, जब दूसरी तरफ भी कोई मदद करने वाला हो। माना जाता है कि आतंकियों ने चादरों का रस्सी की तरह उपयोग किया। ऐसे में पुलिस को आशंका है कि कोई न कोई जेल की दीवार के दूसरी ओर खड़ा रहा होगा। रात में दीवार के पास कोई गार्ड नहीं रहता है। यहां पर एक प्रहरी सिर्फ कभी-कभी गश्त के लिए निकलता है।

    हो रही पूछताछ

    जेल की सुरक्षा में अंदर और बाहर लगे सभी सुरक्षाकर्मियों से पूछताछ चल रही है। सिमी आतंकियों पर 24 घंटे एक शूटर नजर रखता है, ताकि उनके द्वारा किसी भी कोशिश को तत्काल नाकाम किया जा सके। जेल परिसर के दूसरे हिस्से में ट्रेनिंग सेंटर है, जो जेल की सबसे ऊंची इमारत है। यहां से आतंकियों की बैरक पर आसानी से नजर रखी जा सकती है। सवाल उठता है कि रात को जब आतंकी फरार हो रहे थे तो ट्रेनिंग सेंटर के ऊपर तैनात सुरक्षाकर्मी की इन पर कैसे नजर नहीं पड़ी। आशंका जताई जा रही है कि वहां तैनात पुलिसकर्मी या तो ड्यूटी पर नहीं था या फिर उसकी आंख लग गई होगी। खंडवा जेल से आतंकी के भाग निकलने के दौरान भी शूटर के सोते रहने की बात सामने आई थी।

    आइएसआइ एजेंटों की गिरफ्तारी में टॉप पर बंगाल