धर्मांतरण के मुद्दे पर शिवसेना हिंदू संगठनों के साथ
धर्मांतरण के मुद्दे पर चल रही राष्ट्रव्यापी बहस के बीच शिवसेना संघ परिवार द्वारा चलाए जा रहे घर वापसी अभियान के समर्थन में उतर आई है। पार्टी ने विश्व हिंदू परिषद (विहिप) व संघ के विचारों का समर्थन किया है।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। धर्मांतरण के मुद्दे पर चल रही राष्ट्रव्यापी बहस के बीच शिवसेना संघ परिवार द्वारा चलाए जा रहे घर वापसी अभियान के समर्थन में उतर आई है। पार्टी ने विश्व हिंदू परिषद (विहिप) व संघ के विचारों का समर्थन किया है। साथ ही, उसने सरकार के रुख पर संदेह भी जाहिर किया है। दूसरी ओर, धर्मांतरण पर पीएम नरेंद्र मोदी के बयान की मांग को लेकर अड़े विपक्षी दल संसद की कार्यवाही बाधित कर रहे हैं।
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में सवाल उठाया गया है कि कल तक हिंदुओं को मुसलमान बनाया जा रहा था। उस समय कोई क्यों नहीं कह रहा था कि यह जबरन या लालच का धर्मांतरण है। आज उलटी गंगा बहने से सभी दिखावटी धर्मनिरपेक्ष शोर मचा रहे हैं कि इस प्रकार का धर्मांतरण उचित नहीं है।
सामना पूछता है कि इस देश में मुगल शासनकाल में जिन लोगों को जबरन मुसलमान बनाया गया, या पुर्तगीज-ब्रिटिश काल में जिन हिंदुओं को ईसाई बनाया गया, उनके बारे में इन धर्मनिरपेक्ष लोगों का क्या कहना है। संपादकीय में यह सवाल भी उठाया गया है कि आज धर्मांतरण के मुद्दे पर जो जागरण शुरू हुआ है, क्या उसे वाकई सरकार का समर्थन है।
पार्टी ने कहा कि दूसरा धर्म अपनाने वाले हिंदुओं के लिए शुरू किए गए घर वापसी कार्यक्रम में कोई बुराई नहीं है। शिवसेना से पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत व विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया भी इस कार्यक्रम को जायज ठहरा चुके हैं। संपादकीय में कहा गया कि पूरी दुनिया में तलवार के दम पर धर्मांतरण हुए हैं, लेकिन हिंदुओं ने कभी ऐसा नहीं किया।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक के हालिया बयान का भी पार्टी ने समर्थन किया, जिसमें उन्होंने जल्द से जल्द अयोध्या में राम मंदिर बनाने की वकालत की थी।
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