विपक्ष में बैठेगी शिवसेना, एकनाथ शिंदे होंगे नेता
महाराष्ट्र में कई दिनों से जारी राजनीतिक अनिश्चितता खत्म करते हुए शिवसेना ने सोमवार को विपक्ष में बैठने का फैसला ले लिया। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने विधानसभा सचिवालय को पत्र लिखकर पार्टी के फैसले की जानकारी दी और विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे को नेता विपक्ष का दर्जा
मुंबई, [ओमप्रकाश तिवारी]। महाराष्ट्र में कई दिनों से जारी राजनीतिक अनिश्चितता खत्म करते हुए शिवसेना ने सोमवार को विपक्ष में बैठने का फैसला ले लिया। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने विधानसभा सचिवालय को पत्र लिखकर पार्टी के फैसले की जानकारी दी और विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे को नेता विपक्ष का दर्जा देने की मांग की।
देवेंद्र फडऩवीस सरकार को विश्वासमत हासिल करने के लिए विधानसभा का तीन दिन का विशेष अधिवेशन शुरू हो गया है। भगवा साफा बांधे शिवसेना के नवनिर्वाचित 63 विधायक गाजे-बाजे के साथ विधानभवन पहुंचे और 25 साल तक साथ-साथ राजनीति करनेवाली भाजपा के ठीक सामने विपक्ष की बेंचों पर बैठ गए। इससे पहले राज्यपाल सीवी राव ने जेपी गावित को राजभवन में प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। इसके बाद 13वीं विधानसभा का सत्र आरंभ हुआ और विधायकों की शपथ प्रक्रिया चालू हुई। यह मंगलवार को भी जारी रहेगी।
कांग्रेस के चलते बढ़ा दबाव
कांग्रेस की ओर से अपने विधायक दल के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल को विपक्ष का नेता बनाने की प्रक्रिया शुरू कर देने के कारण शिवसेना दबाव में आ गई। उसे लगने लगा कि कहीं उसके हाथ से विपक्ष के नेता का पद भी न निकल जाए। इस कारण उसे विधानसभा सचिव को पत्र भेजकर अपने विपक्ष में बैठने की जानकारी देनी पड़ी।
विश्वास मत पर कल वोटिंग
मुख्यमंत्री फडऩवीस बुधवार को विधान सभा में विश्वास मत पेश करेंगे। राकांपा सरकार को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा कर चुकी है। 287 सदस्यीय विधान सभा में सत्तारूढ़ भाजपा के 121 सदस्य हैं। शिवसेना के 63, राकांपा के 41 और कांग्रेस के 42 विधायक हैं। बहुमत के लिए 144 सदस्यों का समर्थन चाहिए। 12 नवंबर को सत्र का अंतिम दिन होगा और उसी दिन स्पीकर का चुनाव किया जाएगा। शिवसेना इस पद के लिए भी उम्मीदवार उतार सकती है।
गीते नहीं देंगे इस्तीफा
शिवसेना ने सिर्फ महाराष्ट्र में विपक्ष में बैठने का फैसला किया है। अभी केंद्र सरकार से हटने का निर्णय नहीं किया है। पार्टी के केंद्र में मंत्री अनंत गीते इस्तीफा नहीं देंगे।
फिर भी बातचीत को तैयार
विधान सभा में विपक्ष में बैठने के बावजूद उद्धव ठाकरे भाजपा से बात करने के लिए तैयार हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा जब कभी वार्ता के लिए सामने आएगी, हम तैयार मिलेंगे। दूसरी ओर भाजपा अब भी अपनी पुरानी बात पर अडिग है। उसके प्रवक्ता माधव भंडारी का साफ कहना है कि भाजपा शिवसेना से मुद्दों के आधार पर बात करना चाहती है, न कि मांगों के आधार पर।
कुछ समस्याएं खुद ही समाधान ढूंढ़ लेती हैं
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। शिवसेना के साथ भाजपा के रिश्तों के टूटने के कगार पर पहुंचते दिखने के बीच केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने चुटकी ली कि कुछ समस्याओं का समाधान स्वयं हो जाता है। वित्त मंत्री ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभालने के मौके पर समस्या के समाधान की उम्मीद जताई। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'कुछ मसले अपना हल खुद खोज लेते हैं।' सत्ता में भागीदारी पर बात नहीं बनने के बाद शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष में बैठने का फैसला कर लिया है।

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