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    भाजपा ने लिया एनसीपी का साथ तो हम विपक्ष में बैठने को तैयारः उद्धव

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Sun, 09 Nov 2014 09:30 PM (IST)

    केंद्रीय कैबिनेट और राज्‍य सरकार में मनचाहा मंत्रिपद न मिलने से नाराज शिवसेना ने आज अपने विधायक दल की बैठक बुलाई थी, जिसमें पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुना गया। इसके साथ ही उन्‍होंने यह भी साफ कर दिया कि यदि

    मुंबई। केंद्रीय कैबिनेट और राज्य सरकार में मनचाहा मंत्रिपद न मिलने से नाराज शिवसेना ने आज अपने विधायक दल की बैठक बुलाई थी, जिसमें पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुना गया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि यदि भाजपा एनसीपी से समर्थन लेती है तो वह वह महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष में बैठने को तैयार हैं। प्रेस कांफ्रेस में जानकारी देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि यदि भाजपा एनसीपी का साथ लेना चाहती है तो हमारा रास्ता अलग होगा। हम लाचार नहीं हैं और न ही शिवसेना कभी हिंदुत्व के मुद़दे को छोड़ेगी।

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    ठाकरे ने याद दिलाते हुए कहा कि शरद पवार ने शिवसेना को भगवा आतंकवाद बताया था। ऐसे में यदि भाजपा उनका साथ लेना चाहती है तो वह एक साथ नहीं रह सकते है। उनका कहना था कि वह महाराष्ट्र की अस्मिता के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे। अनंत गीते पर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि वह सही समय पर सही फैसला लेंगे। एक सवाल के जवाब में ठाकरे ने कहा कि वह एनसीपी की "तरह मान न मान, मैं तेरा मेहमान" वाली हरकत नहीं कर सकते हैं।

    केंद्रीय कैबिनेट विस्तार में शिवसेना सांसदों के शामिल न होने संबंधी एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह बात उन्होंने पहले ही साफ कर दी थी केंद्र से पहले राज्य पर भाजपा फैसला करे उसके बाद केंद्र की बात करे, जो कि नहीं हुई। लिहाजा अनिल देसाई को भी वापस बुला लिया गया। उन्होंने सुरेश प्रभु के शिवसेना छोड़कर भाजपा में शामिल होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। ठाकरे ने कहा कि 1996 में भी जब अटल जी की सरकार थी तो उन्होंने खुद बाला साहेब को फोन कर शिवसेना से मंत्रिपद पाने वाले सांसद का नाम जाना था। इसके जवाब में बाला साहेब ने सुरेश प्रभु का ही नाम आगे किया था। लेकिन अब उनके भाजपा में शामिल होने से हमें अफसोस है।

    उद्धव ठाकरे का बयान आने के बाद प्रेस से बात करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकारने के बाद शिवसेना द्वारा शपथग्रहण समारोह का बहिष्कार करना दुर्भाग्यपूर्ण है। फणनवीस के अनुसार शिवसेना को मोदी जी का निमंत्रण स्वीकार कर उनमें भरोसा रखना चाहिए था। फणनवीस ने यह भी दोहराया कि शिवसेना यदि अब भी पद, विभाग और मंत्रियों की संख्या को दरकिनार कर भाजपा से चर्चा करना चाहे तो उसका स्वागत है।

    गौरतलब है कि शिवसेना भवन के बाहर भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की गई। बैठक में उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे भी मौजूद थे। भाजपा के वर्चस्व को थामने के लिए और अपनी जमीन न खिसकने देने के लिए शिवसेना आज मातोश्री में एक अहम बैठक की थी।

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