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    अभी जेल में ही रहेंगे आसाराम

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    Updated: Thu, 05 Sep 2013 05:53 AM (IST)

    नाबालिग के साथ दुष्कर्म मामले में जेल गए कथावाचक आसाराम बापू को सुप्रीम कोर्ट के वकील भी जेल से बाहर नहीं ला सके। जोधपुर जिला एवं सत्र न्यायाधीश [ग्रामीण] मनोज कुमार व्यास ने बुधवार को आसाराम बापू की जमानत याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के वकील केके मेनन एवं अन्य ने आसाराम के खिलाफ सबूतों को अपर्याप्त बताते हुए अदालत से जमानत देने की अपील की, लेकिन अभियोजन पक्ष की ओर से जमानत देने का कड़ा विरोध किया।

    जोधपुर [जागरण न्यूज नेटवर्क]। नाबालिग के साथ दुष्कर्म मामले में जेल गए कथावाचक आसाराम बापू को सुप्रीम कोर्ट के वकील भी जेल से बाहर नहीं ला सके। जोधपुर जिला एवं सत्र न्यायाधीश [ग्रामीण] मनोज कुमार व्यास ने बुधवार को आसाराम बापू की जमानत याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के वकील केके मेनन एवं अन्य ने आसाराम के खिलाफ सबूतों को अपर्याप्त बताते हुए अदालत से जमानत देने की अपील की, लेकिन अभियोजन पक्ष की ओर से जमानत देने का कड़ा विरोध किया। मंगलवार और बुधवार को जमानत याचिका पर करीब आठ घंटे अदालत में बहस हुई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आसाराम को जमानत नहीं दी।

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    पढ़ें : आरोप साबित हुए तो आसाराम को दस साल की कैद

    अतिरिक्त महाधिवक्ता आनंद पुरोहित ने बताया कि आसाराम का बचाव कर रहे वकीलों ने पीड़ित छात्रा के बयान, प्राथमिकी और मेडिकल रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए अपनी दलीलें पेश कीं, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। बचाव पक्ष का कहना था कि आसाराम को साजिशन फंसाया जा रहा है। पुलिस मीडिया के दबाव में काम कर रही है और जल्दबाजी में एफआइआर तैयार की गई हैं। इसमें कई खामियां हैं। बचाव पक्ष ने कहा कि पीड़िता नाबालिग नहीं है, जबकि पुलिस ने उसे नाबालिग मानकर मामला दर्ज किया है। आसाराम के अधिवक्ता ने सवाल उठाया कि मामला घटना के कुछ दिनों बाद क्यों दर्ज कराया गया। इस पर अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि घटना के बाद लड़की सदमे में थी। इससे उबरकर साहस जुटाने और मामला दर्ज कराने में समय लगा। अदालत ने बचाव पक्ष की सभी दलीलें खारिज कर दीं।

    पढ़ें : आसाराम की गिरफ्तारी कानून की जीत

    कोर्ट के निर्णय के बाद अभियोजन पक्ष के वकील आनंद पुरोहित ने बताया कि इस मामले में दो संदिग्ध अभी फरार हैं, ऐसे में आसाराम को फिलहाल जमानत नहीं दी जा सकती। आसाराम के वकील केके मेनन ने कहा कि हम हाई कोर्ट में इसके खिलाफ अपील करेंगे। उन्होंने हाई कोर्ट जाने की तैयारियां शुरू कर दी है। इसके अलावा बुधवार को आसाराम के सहायक शिवा को भी पेश किया गया।

    गौरतलब है कि सोमवार को अदालत ने आसाराम को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। उन्हें काफी नाटकीय ढंग से बीते शनिवार की रात को इंदौर से गिरफ्तार करके जोधपुर लाया गया था। पुलिस जांच में नाबालिग छात्रा के सभी आरोप सही पाए गए हैं।

    जेल में की विशेष सुविधा की मांग

    जमानत याचिका खारिज होने के बाद आसाराम ने जेल में अपने लिए विशेष सुविधा की मांग की, लेकिन जेल प्रशासन ने इन्कार कर दिया। आसाराम ने मांग की थी कि उन्हें उनकी दिनचर्या के अनुसार भोजन, गंगाजल, विशेष बिस्तर, जड़ी बूटी, किताबें और प्रार्थना के लिए कुछ अन्य चीजें मुहैया कराई जाएं, लेकिन प्रशासन ने इससे इन्कार कर दिया। आसाराम के वकील प्रदीप चौधरी ने बताया कि ऐसा नियम है कि विचाराधीन कैदी को उसकी जरूरत के मुताबिक तर्कसंगत सुविधाएं दी जानी चाहिए। उनकी उम्र के लिहाज से यह चीजें जरूरी थीं लेकिन जेल प्रशासन ने इससे इन्कार कर दिया है। इसके लिए हम अदालत जाएंगे। लेकिन अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि डॉक्टर ने उन्हें स्वस्थ करार दिया है, इसलिए हम इसका विरोध करेंगे। आसाराम के साथ एक आम कैदी जैसा व्यवहार होना चाहिए।

    आसाराम की जमानत नामंजूर होने के बाद अदालत ने उनके निकट सहयोगी शिवा की पुलिस रिमांड तीन दिन के लिए बढ़ा दी है। बुधवार को पुलिस ने शिवा को अदालत में पेशकर पांच दिन की रिमांड मांगी, लेकिन अदालत ने तीन ही दिन की रिमांड मंजूर की। इसके पहले मंगलवार को शिवा को अदालत ने एक दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा था।

    जांच अधिकारियों को मारने की धमकी

    आसाराम के कई समर्थक पुलिस अधिकारियों को रिश्वत देने और धमकाने की भी कोशिश कर रहे हैं। राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता आनंद पुरोहित ने बताया कि आसाराम मामले की जांच कर रही टीम के प्रमुख और डीसीपी एके लांबा को धमकी भरा पत्र मिला है, जिसमें उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है। यह पत्र उत्तर प्रदेश से फैक्स के जरिये भेजा गया है। एसीपी चंचल मिश्रा ने भी यह माना है कि आसाराम की गिरफ्तारी से ठीक पहले आसाराम को गिरफ्तार न करने के एवज में रिश्वत देने की कोशिश की गई। इस बीच डीसीपी लांबा ने फिर से यह दोहराया है कि उनके पास आसाराम के खिलाफ पुख्ता सुबूत हैं।

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