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    धार्मिक ग्रंथों के बजाय संविधान की शपथ दिलानी चाहिएः शिवसेना

    शिवसेना ने आज अपने मुखपत्र सामना के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शपथ के लिए पवित्र धार्मिक गंथ्रों की जगह संविधान की शपथ दिलाने अपील की है कि ताकि देश को धर्म के आधार पर हो रही राजनीति से ऊपर उठाया जा सके।

    By Atul GuptaEdited By: Updated: Mon, 30 Nov 2015 11:07 AM (IST)

    मुंबई। शिवसेना ने आज अपने मुखपत्र सामना के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शपथ के लिए पवित्र धार्मिक गंथ्रों की जगह संविधान की शपथ दिलाने अपील की है कि ताकि देश को धर्म के आधार पर हो रही राजनीति से ऊपर उठाया जा सके।

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    शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए कहा है कि दिवंगत बाला साहेब ठाकरे का मानना था कि कानून में सभी धर्म समान हैं। इसलिए संविधान सभी धर्म के लोगों के लिए धार्मिक पुस्तक होनी चाहिए।

    सामना ने अपने संपादकीय में लिखा है कि सभी लोगों के लिए कानून एक समान है लेकिन संविधान कानून से भी ऊपर है। इसलिए अदालतों में भी धार्मिक गंथ्रों की बजाय संविधान की शपथ दिलानी चाहिए।

    गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान को बदलना के बारे में सोचना आत्मघाती है। प्रधानमंत्री ने ये भी कहा था कि संविधान एक पवित्र किताब है।

    प्रधानमंत्री के उसी बयान पर शिवसेना ने कहा कि प्रधानमंत्री को अब अपनी इस सोच को आगे बढ़ाते हुए देश को धर्म आधारित राजनीति से ऊपर लाने की कोशिश करनी चाहिए।

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