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    त्राल मुठभेड़ में उबैदा और न्यूटन समेत 3 मरे, उधमपुर हमले में शामिल था उबैदा

    By kishor joshiEdited By:
    Updated: Thu, 03 Mar 2016 09:43 AM (IST)

    सुरक्षाबलों ने कश्मीर के कंधार कहे जाने वाले त्राल में 12 घंटे की मुठभेड़ में वीरवार की सुबह उधमपुर हमले के आरोपी 15 लाख के ईनामी आतंकी आशिक हुसैन उबैदा समेत तीन आतंकियों को

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। सुरक्षाबलों ने कश्मीर के कंधार कहे जाने वाले त्राल में 12 घंटे की मुठभेड़ में वीरवार की सुबह उधमपुर हमले के आरोपी 15 लाख के ईनामी आतंकी आशिक हुसैन उबैदा समेत तीन आतंकियों को मार गिराया। मारे गए आतंकियों में त्राल का न्यूटन और कुख्यात छोटू भी शामिल है। छोटू पर भी आठ लाख का ईनाम था।

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    मुठभेड़ में आतंकी ठिकाना बना निसार अहमद मीर का मकान भी तबाह हो गया है। मुठभेड़स्थल से तीन एसाल्ट राइफलें और आठ मैगजीन भी मिले हैं।

    यह मुठभेड़ गत शाम छह बजे उस समय शुरु हुई थी जब त्राल के साथ सटे डाडसर गांव में तीन आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिलते ही सेना की 42 आरआर और राज्य पुलिस के विशेष अभियान दल केजवान तलाशी लेते हुए मीर मोहल्ला पहुंचे। वहां एक मकान में छिपे आतंकियों ने जवानों पर फायर कर दिया। जवानों ने भी जवाबी फायर किया और उसके बाद मुठभेड़ शुरु हो गई।

    हालांकि सुरक्षाबलों ने आतंकियों के परिजनों व गांव केबड़े बुजुर्गों की मदद ले, आतंकियों को आत्मसमर्पण करने को कहा। लेकिन आतंकियों ने गोली चलाना जारी रखी थी।
    एक आतंकी बुधवार की रात को करीब साढ़े ग्यारह बजे मारा गया जबकि दो अन्य आज सुबह तढ़के ही मारे गए हैं। मारे गएआतंकियों कीपहचान

    आसिफ अहमद मीर उर्फ छोटू निवासी डाडसर, आशिक हुसैन बट उर्फ उबैदा निवासी पुलवामा और इसहाक अहमद पर्रे उर्फ न्यटन निवासी लारीबल त्राल के रुप में हुई है।

    उबैदा और छोटू की मौत को सुरक्षाबल एक बड़ी कामयाबी बता रहे हैं। 15 लाख का ईनामी उबैदा उधमपुर हमले की वारदात में भी शामिल था। उसने अबु कासिम व नावेद और उसके साथियों को पुलवामा में सुरक्षित ठिकाने उपलब्ध कराने से लेकर उन्हें हमले के लिए लाजिस्टिक स्पोर्ट भी दिया था। छोटू के जिंदा अथवा मुर्दा पकड़े जाने पर आठ लाख का ईनाम था। वह जुलाई 2013 को आतंकी बना था जबकि उबैदा अगस्त 2014 में आतंकी बना था।

    ****उलेमा बनाना चाहते थे न्यूटन को उसके पिता
    लारीबल-त्राल गांव का रहने वाला 20 वर्षीय इसहाक अहमद मार्च 2015 में घर से जम्मू कश्मीर बोर्ड आफ प्रोफेशन इंट्रेंस एग्जामीनेशन के लिए फार्म जमा कराने निकला था और उसके बाद वह वापस नहीं आया। चंद दिन बाद उसने अपने घर में सूचना भेजकर बताया कि वह जिहाद के रास्ते पर चलते हुए हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो चुका है। दिसंबर 2011 में जम्मू कश्मीर राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित मैट्रिक परीक्षा परिणाम में उसने 98.4प्रतिशत अंकों के साथ सातवीं पोजीशन हासिल की थी। उसके पिता इब्राहिम चाहते थे कि इसहाक एक इस्लामिक विद्वान बने। इसहाक भी मजहबी तालीम और मजहब से जुडी किताबों में रुची लेता था। उसकी विज्ञान में भी बड़ी रुची थी और इसी कारण उसे त्राल का न्यूटन भी कहा जाता था।

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