सुप्रीम कोर्ट ने कहा, डांस बार में सीसीटीवी कैमरे लगाने की इजाजत नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा है कि महाराष्ट्र सरकार डांस बार को लाइसेंस दे। साथ ही, यह भी कहा है कि अब डांस बार में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगेंगे और थानों में कोई 'लाइव कवरेज' नहीं होगा।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज महाराष्ट्र सरकार को राज्य के सभी डांस बार को 15 मार्च तक लाइसेंस जारी करने के आदेश दिए हैं। साथ ही, यह भी कहा है कि अब बार में डांस वाली जगहों पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगेंगे और थानों में कोई 'लाइव कवरेज' नहीं होगा।
मुंबई डांस बार मामले में महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर कहा था कि डांस बार का सीसीटीवी कैमरे के जरिये नजदीकी पुलिस थाने में लाइव फीड देने से डांस बार संचालकों के राइट टू प्राइवेसी अधिकार का उल्लंघन नहीं होगा। इस फीड से डांस बार में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा भी होगी, जोकि अक्सर डांस बार में लोगों के बर्ताव को लेकर परेशान रहती हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने अपने हलफनामे में डांस बार मालिकों की उस दलील को भी नकार दिया है कि सीसीटीवी फुटेज का लाइव प्रसारण नहीं हो सकता। सरकार ने कहा है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने और सुरक्षा के लिए यह जरूरी है कि डांस बार में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। इन कैमरों को लगाने से डांस बार संचालकों के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन नहीं होता है।
अगर डांस बार में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाते हैं तो पुलिस किसी भी अप्रिय घटना पर तुरंत मौके पर पहुंच जाएगी और महिलाओं की सुरक्षा भी होगी। सीसीटीवी कैमरे की लाइव फीड से इस बात की भी निगरानी होगी कि डांस बार के नाम पर कहीं अश्लीलता तो नहीं हो रही है।
दरअसल, महाराष्ट्र में डांस बार का लाइसेंस दिए जाने के लिए महाराष्ट्र सरकार की ओर से तय की गई नई शर्तों के विरोध में डांस बार संचालकों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा था।
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