सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा - डांस बार की वीडियोग्राफी क्यों है जरूरी?
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले पर सवाल उठाते हुए उनसे जवाब मांगा है जिनमें डांस बार के लिए लाइसेंस देने से पहले वीडियोग्राफी की अनिवार्य शर्त रखी गई थी।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले पर सवाल उठाते हुए उनसे जवाब मांगा है जिनमें डांस बार के लिए लाइसेंस देने से पहले वीडियोग्राफी की अनिवार्य शर्त रखी गई थी। महाराष्ट्र में डांस बार को लाइसेंस देने के लिए लगी विभिन्न शर्ताें के खिलाफ उठीं तमाम आपत्तियों के बाद कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस से भी इस मामले में जवाब मांगा है।
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उल्लेखनीय है कि पुलिस ने लाइसेंस देने के लिए विभिन्न शर्तें लगाई हैं जिनमें पूरी प्रस्तुति की वीडियोग्राफी करना और डांस इलाके को अलग करने जैसी विभिन्न महत्वपूर्ण शर्तें शामिल हैं। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह की एक पीठ ने कुछ विवादास्पद शर्तों पर महाराष्ट्र सरकार से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है जो उसकी पुलिस ने लाइसेंस देने के लिए लगाई हैं।
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वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत भूषण ने डांस बार एसोसिएशन की ओर से पेश होते हुए पुलिस द्वारा लगाई गई विभिन्न शर्तों का जिक्र किया और कहा कि ये पीछे की ओर ले जाने वाले कदम हैं और इन्हें समाप्त किए जाने की आवश्यकता है। महाराष्ट्र पुलिस ने अपनी शर्तों में कहा है कि डांस बार मालिकों को बार इलाके और डांस इलाके से अलग करना होगा और उन्हें क्षेत्र की पुलिस को महिला प्रस्तोताओं की प्रस्तुति की सीसीटीवी फुटेज देनी होगी।
गौरतलब है कि 5 अक्तूबर 2015 को उच्चतम न्यायलय ने उसके आदेश का पालन नहीं करने और महाराष्ट्र सरकार की तरफ से डांस बार मालिकों को लाइसेंस देने में ना-नुुकुर करने पर पिछले वर्ष नवंबर में महाराष्ट्र सरकार की खिंचाई की थी । इसके साथ ही, होटल मालिकों को डांस बार के लाइसेंस देने पर विचार करने को कहा था। कोर्ट ने डांस बार पर प्रतिबंध लगाने वाले राज्य सरकार के कानूनों पर भी सवाल उठाए थे।
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