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    नीट पर सुप्रीम कोर्ट अड़ा, 24 जुलाई को दूसरा फेज

    By Monika minalEdited By:
    Updated: Wed, 04 May 2016 11:17 AM (IST)

    प्राइवेट कॉलेजों के विरोध के बावजूद कॉमन एंट्रेंस टेस्‍ट 'नीट' के प्रति सुप्रीम कोर्ट अपने निर्णय पर अडिग है। नीट का दूसरे फेज के लिए 24 जुलाई की तिथि निर्धारित की गयी है।

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों को साफ इंकार करते हुए कहा कि छात्रों के लिए एकमात्र प्रवेश परीक्षा अच्छा है। प्राइवेट कॉलेजों ने कहा था कि नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (नीट) से उनके शिक्षण संस्थान चलाए जाने का मूल अधिकार का हनन होता है।

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    जस्टिस ए आर दवे, शिवा कीर्ति सिंह व ए के गोयल के बेंच ने कहा देश में अनेकों प्रवेश परीक्षा छात्रों पर काफी अधिक बोझ है और उन्हें फार्म भरने के लिए हजारों रुपये खर्च करना होता था।

    टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार, बेंच ने नीट के दूसरे चरण की परीक्षा के लिए 24 जुलाई की तारीख निर्धारित करते हुए कहा कि सीबीएसई और सेंटर टेस्ट के लिए तैयारियां शुरू कर दें। एडीशनल सॉलिसीटर जनरल पिंकी आनंद ने बेच को बताया कि नीट का पहला फेज 1 मई को अच्छे से हुआ और 6.5 लाख छात्र परीक्षा में उपस्थित हुए। निट पर कोर्ट के कार्यवाहियों के कारण छात्रों व माता-पिता के बीच काफी गलतफहमियां पैदा हो गयी इसलिए बेंच ने सीबीएसई को अखबारों में विज्ञापन देने का निर्देश दिया ताकि कॉमन एंट्रेंस टेस्ट की स्थिति स्पष्ट हो सके।

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    राज्य सरकारों और मेडिकल कॉलेज ने कोर्ट को कहा कि टेस्ट की तैयारी हो चुकी है इसलिए आगे के लिए अनुमति दें। कोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया और कहा सभी पक्षों की बात सुन निर्णय लिया जाएगा। कोर्ट ने परीक्षा के आयोजन के लिए इंकार नहीं किया, ये टेस्ट हो सकते हैं लेकिन इनकी वैधता रुकी रहेगी जब तक सुप्रीम कोर्ट अपना आदेश नहीं देती है।

    वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज की ओर से सीनियर एडवोकेट एल नागेश्वरा राव ने कहा कि नीट की वजह से कॉलेज को चलाने के मूल अधिकार में दखलंदाजी हो रही है।

    बेंच ने इसपर असहमति जताते हुए कहा नीट केवल टेस्ट मात्र है और संस्थान अपने कॉलेजों को मैनेज करने के लिए आजाद हैं वे अपने कॉलेज द्वारा निर्धारित योग्यता के आधार पर छात्रों का नामांकन कर सकते हैं।