शादी के बाद से पिता ने नहीं ली खबर
अमेठी (उप्र) राजघराने की सबसे बड़ी बेटी महिमा सिंह ने पिता संजय सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि मेरी शादी के बाद से उन्होंने कभी खबर तक नहीं ली। महिमा ने बताया कि जिस वक्त दाऊ [पिता, संजय सिंह] ने अमिता मोदी से शादी की थी, मैं आठ साल की थी।
इंदौर [रमनी घोष]। अमेठी (उप्र) राजघराने की सबसे बड़ी बेटी महिमा सिंह ने पिता संजय सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि मेरी शादी के बाद से उन्होंने कभी खबर तक नहीं ली। महिमा ने बताया कि जिस वक्त दाऊ [पिता, संजय सिंह] ने अमिता मोदी से शादी की थी, मैं आठ साल की थी। अमिता हमेशा हमें हमारी मां गरिमा सिंह के खिलाफ भड़काती थीं। 18 साल की होने पर मेरी शादी तय कर दी गई। उस समय धमकी देकर मुझसे मेरी मां के खिलाफ कोर्ट में बयान दिलवाया, ताकि वो शादी में शरीक न हो सकें।
झाबुआ रियासत, मप्र में ब्याही महिमा ने अमेठी के भूपति भवन में चल रहे संपत्ति और उत्तराधिकारी विवाद में चुप्पी तोड़ते हुए पिता संजय सिंह के खिलाफ जमकर बोली और भाई-मां की वकालत की। महिला के सास-ससुर व पूरा परिवार इंदौर के ओल्ड पलासिया में रहता है। मामले में उनकी ससुराल के लोग भी महिला के साथ हैं। हालांकि महिमा और उनके पति भृगुपाल सिंह सेनफ्रांसिस्को [यूएस] में रहते हैं, जहां उनकी आर्ट गैलरी है। जून में अमेठी महल का विवाद बढ़ने पर दोनों भारत आए।
अब तक मां गरिमा सिंह के पक्ष में नहीं बोलने के सवाल पर महिमा ने कहा, जब से समझ आई है, हम लोग मां के साथ हैं। मां ने ही हमें पिता के खिलाफ नहीं बोलने के लिए बाध्य किया था। अमिता झूठ बोलती हैं कि उन्होंने हमारी परवरिश की है। 1998 में जब सुप्रीम कोर्ट ने तलाक को फर्जी साबित कर मेरी मां के हक में फैसला सुनाया, तब से मैं और मेरी बहन शैब्या उनके साथ लखनऊ में रहे। मेरे भाई अनंत विक्रम को पिता संजय सिंह ने छह साल की उम्र में देहरादून भेज दिया था। 10वीं पास करने के बाद उसने डेढ़ साल दिल्ली में पिता के पास पढ़ाई की, लेकिन 12वीं पूरा करने से पहले ही उसे मर्चेट नेवी में भेज दिया गया। मेरी शादी में दो रिसेप्शन हुए। दिल्ली के रिसेप्शन में मां गरिमा सिंह नहीं आई और लखनऊ के रिसेप्शन में मेरे पिता नहीं थे।
राहुल गांधी को करनी चाहिए मदद
महिमा कहती हैं कि मेरे पिता संजय सिंह ने मेरे भाई और मां को किले में कैद कर रखा है। उन्हें वकीलों तक से मिलने नहीं दिया जा रहा। उप्र सरकार तो खामोश है, लेकिन अमेठी के सासंद राहुल गांधी को मदद के लिए आगे आना चाहिए। मैं इंदौर की बहू हूं, लिहाजा लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को भी मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। महिमा के पति भृगुपाल सिंह ने कहा कि अब यह लड़ाई अमेठी राजघराने की नहीं, बल्कि वहां की जनता के जीवन की है। पांच गांवों के हजारों लोगों को विस्थापित कर दिया गया और एक जवान भी मारा गया, लेकिन सरकार चुप बैठी है। झाबुआ नरेश अजीत सिंह के छोटे बेटे व महिमा के ससुर देवेंद्रपाल सिंह ने कहा कि संजय सिंह को बेटे के साथ बैठकर मामला सुलझाना चाहिए।
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