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दस लाख रुपये लेने के बाद भी पप्पू ने करा दिया सहारनपुर दंगा

सहारनपुर दंगे के मुख्य आरोपी मोहर्रम अली उर्फ पप्पू की गिरफ्तारी के बाद से परत दर परत पूरा मामला खुलता जा रहा है। एसएसपी सहारनपुर राजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि मोहर्रम अली 'पप्पू' ने स्वीकार किया कि विवादित जमीन का मामला निस्तारित करने को उसने गुरुद्वारा कमेटी से 25 लाख मांगे थे। इस बाबत उसको दस लाख का भुगतान भी

By Edited By: Published: Fri, 01 Aug 2014 11:29 AM (IST)Updated: Fri, 01 Aug 2014 04:40 PM (IST)
दस लाख रुपये लेने के बाद भी पप्पू ने करा दिया सहारनपुर दंगा

लखनऊ। सहारनपुर दंगे के मुख्य आरोपी मोहर्रम अली उर्फ पप्पू की गिरफ्तारी के बाद से परत दर परत पूरा मामला खुलता जा रहा है। एसएसपी सहारनपुर राजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि मोहर्रम अली 'पप्पू' ने स्वीकार किया कि विवादित जमीन का मामला निस्तारित करने को उसने गुरुद्वारा कमेटी से 25 लाख मांगे थे। इस बाबत उसको दस लाख का भुगतान भी हो चुका था।

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इस स्थान पर 15 जुलाई से निर्माण चल रहा था। जब पप्पू को लगा कि उसे अब पैसा नहीं मिलेगा तो अचानक 25 जुलाई की रात तीन बजे थाने पहुंचा। पप्पू ने सहरी के वक्त का फायदा उठाया और कुतबुशेर मस्जिद के शहीद करने की अफवाह उड़ा भीड़ एकत्र कर ली और आगजनी शुरू करवा दी।

सौ लीटर केमिकल लेकर आए थे पप्पू के गुर्गे

सहारनपुर दंगा सुनियोजित था और गुरुद्वारा रोड व अंबाला रोड को पूरी तरह से तबाह करने की साजिश रची गई थी। इसके लिए पप्पू के गुर्गे आगजनी के लिए सौ लीटर केमिकल लेकर आए थे। दंगे के दो मुख्य आरोपी मोहर्रम अली उर्फ पप्पू और भतीजे इरशाद की गिरफ्तारी से कई रहस्यों से पर्दा उठा है। इसमें कुछ ऐसे राज है, जिनकी पुष्टि के लिए खुफिया विभाग की टीम ने पप्पू से जुड़े दर्जन से अधिक लोगों के मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लिए हैं। इनमें कुछ नेताओं के नंबर भी बताए जा रहे हैं, जिनसे पप्पू ने घटना से करीब दो-तीन घंटे पहले मोबाइल पर बात थी। पप्पू ने शहर को सांप्रदायिक हिंसा में झोंकने के लिए प्लानिंग की थी, जिसका पता पप्पू के बेटे दानिश, भतीजे इरशाद व हाजी इरफान को 24 घंटे पहले चल गया था। पूछताछ के दौरान पप्पू के बेटे दानिश ने पुलिस के सामने इसका खुलासा भी किया।

पप्पू के कहने पर उसके गुर्गो ने कुतुबशेर चौराहे के पास ंही शुक्रवार को सौ लीटर केमिकल डिब्बों में भर रख दिया था। पप्पू की साजिश थी कि अगर वार्ता सफल नहीं हुई तो उसका इशारे मिलते ही भीड़ में शामिल गुर्गे आगजनी व लूटपाट शुरू कर दें। अधिकारियों को उस पर शक न हो इसलिए वह भीड़ को समझाने का नाटक करता रहा। बात न बनने पर भीड़ में शामिल दानिश, भतीजा इरशाद के साथ आए सौ से अधिक युवकों ने पप्पू का इशारा मिलते ही लूटपाट और आगजनी शुरू कर दी। साजिश में पप्पू अस्सी फीसद सफल भी रहा, लेकिन उसे नहीं पता थी कि वह अपने जाल में खुद फंस जाएगा। सांप्रदायिक हिंसा का तीसरा मास्टर माइंड हाजी इरफान जो विवादित प्लाट के मुकदमे में वादी है। वह आज तक विवादित स्थल तक पर नहीं गया था। उसने भी पप्पू के इशारे पर ही मुकदमा दर्ज कराया था।

पप्पू की संपत्ति भी होगी कुर्क

कुछ सालों में अथाह संपत्ति के मालिक बने मोहर्रम अली उर्फ पप्पू की संपत्ति का भी लेखा-जोखा तैयार किया जा रहा है। हालांकि अधिकारिक रुप से इसकी कोई पुष्टि नहीं कर रहा है, पर बताया गया है कि डेढ़ दशक पहले किराये के मकान में रहने वाले मोहर्रम अली उर्फ पप्पू अब करोड़ों की संपत्ति का मालिक है। उसके विरुद्ध पहले भी कई मुकदमे है। पप्पू की संपत्ति और आय के स्त्रोतों की जांच खुफिया विभाग कर रहा है।

राजनीतिक कनेक्शन

पुलिस के अनुसार पप्पू कांग्रेस नेता इमरान मसूद का सहयोगी है। हालांकि इमरान ने कहा पप्पू से मेरा कोई संबंध नहीं है और उस दिन मौके पर भीड़ को समझाते समय पप्पू ने मेरे साथ अभद्रता की और लोगों को मेरे खिलाफ उकसाया। मोहर्रम अली सभासद रह चुका है और पेशे से प्रॉपर्टी डीलर है। उसके खिलाफ पहले भी सहारनपुर के जनकपुरी, मंडी व कुतुबशेर थानों में बवाल करने से लेकर फर्जीवाड़े तक के दर्जनभर मामले हैं। गुरुद्वारा सिंहसभा का भी आरोप है कि 2001 में मोहर्रम अली ने अपने को पर्दे के पीछे रखकर अब्दुल वहाब नाम के एक शख्स से वाद दायर करवाया। इसी के चलते यह विवाद इतना बढ़ा।

पढ़े: सहारनपुर दंगे का कश्मीर कनेक्शन

देखें : सहारनपुर दंगे की तस्वीरें


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