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चुनाव में अपनी भूमिका को विस्तार देगा संघ

लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अपनी भूमिका को विस्तार देने जा रहा है। प्रत्याशियों के चयन से लेकर चुनाव प्रचार तक में संघ का फैसला महत्वपूर्ण होगा। संघ से मिले दिशा-निर्देश पर ही भारतीय जनता पार्टी चुनाव का संचालन करेगी। सरसंघ चालक डॉ. मोहन राव भागवत के सानिध्य में गुरुवार को काशी में शुरू हुई क्षेत्रीय बैठक में चुनाव से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर विशद मंथन हुआ।

By Edited By: Published: Thu, 13 Feb 2014 10:37 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2014 10:39 PM (IST)
चुनाव में अपनी भूमिका को विस्तार देगा संघ

वाराणसी [जासं]। लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अपनी भूमिका को विस्तार देने जा रहा है। प्रत्याशियों के चयन से लेकर चुनाव प्रचार तक में संघ का फैसला महत्वपूर्ण होगा। संघ से मिले दिशा-निर्देश पर ही भारतीय जनता पार्टी चुनाव का संचालन करेगी। सरसंघ चालक डॉ. मोहन राव भागवत के सानिध्य में गुरुवार को काशी में शुरू हुई क्षेत्रीय बैठक में चुनाव से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर विशद मंथन हुआ।

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यहां शुरू हुई क्षेत्रीय बैठक में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए स्वयंसेवक व प्रचारक प्रतिबद्ध दिखे। चुनाव के बाबत प्रचारकों से हर दृष्टि से तैयार रहने को कहा गया। संघ व भाजपा के आनुषांगिक संगठनों को चुस्त-दुरुस्त करने की दिशा में भी रणनीति तय की गई। सरसंघचालक ने पहले दिन चार प्रांतों की क्षेत्रीय बैठक ली। इसमें मोहन भागवत ने राष्ट्र के समक्ष मौजूदा चुनौतियों पर चर्चा की। हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार व हिंसा पर चिंता जताई और सरकार से ठोस व कारगर कदम उठाने को कहा। संघ प्रमुख ने प्रकल्पों व आनुषांगिक संगठनों को और सक्रिय करने के निर्देश दिए। बैठक में सरकार द्वारा जैन समुदाय को अल्पसंख्यक दर्जा दिए जाने का भी मुद्दा उठा। कहा गया कि चुनाव के मद्देनजर यह सरकार का राजनीतिक हथकंडा है। जैन समाज के बुद्धिजीवी नहीं चाहते कि उन्हें अल्पसंख्यक दर्जा मिले। वे खुद को हिंदू समाज का प्रमुख अंग मानते हैं।

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प्रचारकों ने रखी समस्याएं :-

नक्सल व आदिवासी इलाकों में काम कर रहे प्रचारकों ने अपनी समस्याएं रखीं। इस पर संघ प्रमुख ने कहा कि प्रचारक चुनौतियां व समस्याएं गिनाने के बजाय उनका समाधान खुद करें।

संघ की शक्ति बढ़ाने पर जोर :-

संघ से और अधिक लोगों को जोड़ने पर जोर दिया गया। संगठन की मजबूती के लिए सुझाव दिए गए। संघ के कार्य का व्यापक विस्तार करने, गांव-गांव में संघ की शाखा स्थापित करने पर सहमति बनी।


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