केरल सरकार के खिलाफ दिल्ली में गरजा संघ
जनाधिकार समिति के प्रदर्शन में शामिल संघ व भाजपा नेताओं ने केंद्र सरकार से केरल की वाम सरकार को बर्खास्त करने की मांग की। ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केरल में संघ व भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ जारी हिंसा के विरोध में मंगलवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया गया। जनाधिकार समिति के प्रदर्शन में शामिल संघ व भाजपा नेताओं ने केंद्र सरकार से केरल की वाम सरकार को बर्खास्त करने की मांग की। प्रदर्शन में माकपा कार्यकर्ताओं की बर्बरता को भी तस्वीरों के माध्यम से दिखाया गया।
धरना प्रदर्शन में संघ व भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ आम लोग भी शामिल हुए। मंच पर वक्ताओं ने एक स्वर में पी विजयन सरकार को आतंकी और तानाशाह बताते हुए उसे बर्खास्त करने के साथ केरल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर से भी मिला और उन्हें ज्ञापन सौंपा।
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संघ के सह-सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि सीपीएम का आधार ही नफरत है। विश्व तमाम ऐसी घटनाओं से भरा है जिसमें कम्युनिस्ट शासन ने विरोध के स्वर को दबाने के लिए बड़े पैमाने पर दमन का सहारा लिया है। चीन में 1989 में 10 हजार से अधिक छात्रों को टैंकों से कम्युनिस्ट सरकार द्वारा कुचल दिया गया। उन्होंने सीपीएम सरकार को चेताते हुए कहा कि अगर वह ¨हसा को नहीं रोकती है तो इसका परिणाम भुगतने के लिए उसे तैयार रहना चाहिए। होसबोले ने कहा कि अब मार्क्सवादी कार्यकर्ताओं द्वारा हमारे एक भी कार्यकर्ताओं का खून बहाया गया तो उनके साथ पांच हजार साल पुरानी कौरवों का इतिहास दोहराया जाएगा।
संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख जे नंद कुमार ने कहा कि आज भगवान की धरती कही जाने वाली केरल की धरती को कम्युनिस्ट गुंडों ने कसाईखाना बना रखा है। कुछ वर्षो के अंदर मार्क्सवादी आतंकवादियों द्वारा 270 से अधिक संघ और भाजपा कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या की गई है। महिलाओं और बच्चों तक को भी नहीं छोड़ा गया। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनिल जैन ने कहा कि अगर ऐसे ही वामपंथियों द्वारा लगातार हिंसा जारी रही तो आगे वह भी प्रति उत्तर के लिए तैयार रहें।
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि संघ के 52 वर्षीय स्वयंसेवक संतोष की निर्मम हत्या हैवानियत को शर्मसार करने वाली है। दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि वामपंथी दलितों, महिलाओं के हक बात करते हैं, क्या यही उनके द्वारा दिया जा रहा हक है? प्रदर्शन से पहले जनाधिकार समिति के प्रतिनिधिमंडल ने केरल भवन में ठहरे मुख्यमंत्री पी विजयन से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मिले।

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