मुस्लिम देशों में छवि मजबूत करने में जुटा संघ
अल्पसंख्यक विरोधी संगठन होने के आरोप झेलने वाले आरएसएस मुस्लिम देशों के बीच अपनी छवि मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।
नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर भले ही अल्पसंख्यक विरोधी संगठन होने का आरोप लगता रहा हो, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुस्लिम देशों के बीच संघ अपनी छवि मजबूत करने में जुट गया है। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सऊदी अरब और अफगानिस्तान में सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया है तो दूसरी तरफ संघ समर्थित मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की रोजा इफ्तार पार्टी अब और बड़े स्तर पर होगी।
संघ नेता इंद्रेश के संरक्षण में 2 जुलाई को होने वाली इंटरनेशनल इफ्तार पार्टी में लगभग तीन दर्जन इस्लामी देशों के प्रतिनिधि शामिल हो सकते हैं। वहीं गुरुवार को कश्मीर में हुर्रियत कार्यालय के सामने ही इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जा रहा है। अलग-अलग राज्यों में भी इस तरह का आयोजन करने को कहा गया है।
यूं तो ऐसा आयोजन हर साल होता रहा है, इस बार इसका आकार बड़ा होगा। इसके आयोजन से जुड़े गिरीश जुयाल ने बताया कि कुल 56 देशों के राजनयिकों और प्रतिनिधियों से ईमेल, पत्र और व्यक्तिगत संपर्क साधकर उन्हें इफ्तार के लिए आमंत्रित किया गया है। 40 देशों के उच्चायोग और दूतावास से सहमति आई है। इनमें पाकिस्तान भी शामिल है। वैसे, इसे लेकर मंच आश्वस्त नहीं है क्योंकि पाकिस्तान ने पिछली बार भी स्वीकारोक्ति दी थी।
जुयाल ने बताया कि पिछले दिनों में अरब देशों के प्रतिनिधि इंद्रेश से मिलते रहे हैं। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच उर्दू, फारसी और अरबी में विश्व बंधुत्व का अपना संदेश भी भेजता रहा है। इससे अच्छा संदेश गया है। जुयाल ने मंच के प्रयास को मोदी को मिलने वाले सम्मान से भी जोड़ा। उन्होंने कहा कि संघ को लेकर देश के अंदर गलतफहमी फैलाने की कोशिशें होती रही हैं लेकिन इस्लामिक वर्ल्ड हमारी मंशा भी जानता है और भावना भी। यही कारण है कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के इफ्तार में उनकी तादाद लगातार बढ़ रही है। इस बार तकरीबन तीन सौ लोगों के शामिल होने की संभावना है।