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    मोदी के खिलाफ जासूसी कांड की जांच पर संप्रग में फूट

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    Updated: Mon, 05 May 2014 09:13 AM (IST)

    गुजरात में कथित महिला जासूसी कांड की जांच को लेकर उठे विवाद ने संप्रग के बचे-खुचे कुनबे में भी फूट डाल दी है। संप्रग के दो सहयोगियों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) व नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) ने चुनाव के अंतिम दौर में न्यायिक जांच आयोग के गठन पर आपत्ति जताने के साथ ही आगाह किया है कि जब संप्रग-दो के कुछ ही दिन बचे हैं, तो यह फैसला गलत है।

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। गुजरात में कथित महिला जासूसी कांड की जांच को लेकर उठे विवाद ने संप्रग के बचे-खुचे कुनबे में भी फूट डाल दी है। संप्रग के दो सहयोगियों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) व नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) ने चुनाव के अंतिम दौर में न्यायिक जांच आयोग के गठन पर आपत्ति जताने के साथ ही आगाह किया है कि जब संप्रग-दो के कुछ ही दिन बचे हैं, तो यह फैसला गलत है। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फोन कर अपनी नाराजगी जता दी है। सरकार के अफसरों के भी अंदरूनी विरोध के बीच कांग्रेस जांच कराने में सफल हो या नहीं, लेकिन फिलहाल राजनीतिक रूप से वह इसे छोड़ना भी नहीं चाहती है। कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। लिहाजा, जांच के लिए जज की नियुक्ति की ही जाएगी।

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    कथित महिला जासूसी मामले में गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ जांच के लिए महीनों पहले लिए गए फैसले को अमलीजामा पहनाने में सरकार असमर्थ रही थी। अब नई सरकार के गठन में महज एक पखवाड़ा बचा है तो फिर से जांच को लेकर सक्रियता कांग्रेस के लिए भारी पड़ने लगी है। राकांपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे दो सप्ताह में आ जाएंगे। ऐसे में इस तरह की जांच की जरूरत ही क्या है। पटेल ने बताया कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने प्रधानमंत्री को फोन कर पार्टी के रुख की जानकारी दे दी है। सरकार के दूसरे बड़े घटक दल राकांपा की आपत्ति का समर्थन करते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस वक्त न्यायाधीश की नियुक्ति गलत है। उमर ने साफ किया कि यह सिर्फ उनका ही विचार नहीं है, बल्कि मनमोहन मंत्रिमंडल में शामिल उनके पिता फारूक अब्दुल्ला का भी यही मानना है।

    राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने पहले ही कहा था कि सरकार को अब कोई राजनीतिक फैसला लेने का हक नहीं है। भाजपा प्रवक्ता एमजे अकबर ने कहा, कांग्रेस की बदले की राजनीति में उनके सहयोगी भी साथ देने को तैयार नहीं हैं। हम उनके इस रुख का स्वागत करते हैं। भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मोदी को चुनावी मैदान में परास्त करने में विफल रही कांग्रेस अब इस तरह के फैसलों से पार्टी को परेशान करने की कोशिश कर रही है। सहयोगियों की आपत्ति के बावजूद मोदी के खिलाफ इस आखिरी हथियार को कांग्रेस यूं ही जाया होने देने के लिए तैयार नहीं है। कांग्रेस ने इस मामले में दस सवालों की सूची जारी कर मोदी, अमित शाह और भाजपा से सफाई मांगी है। हालांकि, कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं था कि क्या जांच का विरोध करने वाली राकांपा और नेशनल कांफ्रेंस महिला विरोधी हैं। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने जांच के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि राकांपा और नेकां की आपत्तियों पर कैबिनेट में विचार किया जाएगा।

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    मोदी के खिलाफ जांच का निर्णय दिसंबर में लिया था, तो उसी समय अमल होना चाहिए था। अब पांच माह बाद जजों की नियुक्ति को सही नहीं ठहराया जा सकता। मेरे पिता का भी यही मानना है। -उमर अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री

    दो सप्ताह में लोकसभा चुनाव का नतीजा आने वाला है। फिर न्यायिक जांच आयोग के गठन की जरूरत कहां है। शरद पवार ने पीएम से बात कर पार्टी का रुख बता दिया है। -प्रफुल्ल पटेल, राकांपा नेता

    महिलाओं की सुरक्षा के व्यापक मुद्दे से जुड़े होने के कारण महिला जासूसी कांड की जांच जरूरी है। इस मामले पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। -शोभा ओझा, कांग्रेस प्रवक्ता

    सरकार हताशा में न्यायिक जांच आयोग के गठन का फैसला कर रही है। दरअसल, उसे अपनी हार का भरोसा हो गया है। यह सरकार की आखिरी कोशिश है। -नरेंद्र मोदी, भाजपा के पीएम प्रत्याशी

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