पूरा हुआ ऑपरेशन राहत, जनरल स्वदेश लौटे
पूरी दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ाने वाला यमन में चला 'ऑपरेशन राहत' सफलता पूर्वक समाप्त हो गया। पांच हजार भारतीयों को युद्धग्रस्त यमन से सुरक्षित निकालने वाले विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह भी आखिरी जत्थे के साथ स्वदेश आ गए।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पूरी दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ाने वाला यमन में चला 'ऑपरेशन राहत' सफलता पूर्वक समाप्त हो गया। पांच हजार भारतीयों को युद्धग्रस्त यमन से सुरक्षित निकालने वाले विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह भी आखिरी जत्थे के साथ स्वदेश आ गए।
भारत आने पर उनका भव्य स्वागत किया गया और जनरल ने आते ही फिर मीडिया के एक धड़े के खिलाफ तीखे तेवर अख्तियार किए। उन्होंने कहा कि इतने बड़े राहत अभियान के दौरान देश में ऐसा विवाद पैदा करना देश का अपमान है।
यमन के सबसे बड़े शहर सना से जनरल सिंह राहत अभियान को मुकाम तक पहुंचाने के बाद आखिर में स्वदेश लौटे। कुल 4,640 भारतीयों को युद्ध प्रभावित यमन से वापस लाया गया, वहीं 41 देशों के 960 नागरिकों को भी भारत ने वहां से बाहर निकाला।
वीके सिंह भारत लौटते हुए यमन से 110 लोगों को अपने विमान में बिठाकर लाए हैं। राहत अभियान की निगरानी के लिए जिबूती में डेरा डाले रहे थे। वापसी के बाद जनरल सिंह ने कहा कि यमन में हालात बेहद खराब हैं, लेकिन हमें वहां भारतीय को हर हाल में बचाना था और हमने ऐसा ही किया। यमन से भारतीयों को निकालने में सेना को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि बचाव अभियान के तहत 5,600 से अधिक लोगों को वहां से निकाल लिया गया है। ऑपरेशन राहत में भारतीय नौसेना से जुड़ी आइएनएस सुमित्रा और आइएनएस मुंबई पोतों के जरिये भी सैकड़ों लोग भारत लाए गए।
मीडिया पर फिर हमला
स्वदेश वापसी के बाद जनरल सिंह ने फिर मीडिया के एक धड़े पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन राहत ने दुनिया में भारत को तारीफ दिलाई। ट्वीट विवाद को जानबूझकर बड़ा बनाया गया। पहले भी मेरे खिलाफ निजी हमले किए गए, जिनका जवाब देना जरूरी था। ऐसे मिशन के समय में विवाद करना देश का अपमान है। मीडिया में कुछ लोग पर्सनल एजेंडा चलाते हैं। मीडिया को प्रेस्टिट्यूट बताने वाली टिप्पणी पर विदेश राज्यमंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि मैं यह नहीं कहता कि मीडिया में सभी भ्रष्ट हैं। मेरा मानना है कि मीडिया में 90 फीसद लोग अच्छे हैं, लेकिन 10 फीसद लोगों का अपना एजेंडा है।
ऑपरेशन राहत एक नजर में
-09 अप्रैल को पूरा हुआ
-5600 लोग निकाले गए
-4640 भारतीय
-960 विदेशी
-41 अन्य देशों के नागरिक बचाए गए
-2900 लोग राजधानी सना से विमान से निकाले गए
-18 विशेष उड़ानों के जरिये इसे अंजाम दिया गया
-2700 लोग युद्धपोतों से बचाए गए, इन्हें अदन, अल हुदायदाह और अल मुकल्ला शहर से निकाला गया