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    बालिका वधु, कीमत 500 रुपये

    By Test2 test2Edited By:
    Updated: Wed, 25 Feb 2015 06:52 AM (IST)

    वो गरीब और मजबूर थे। इसीलिए कलेजे पर पत्थर रख उन्होंने फूल सी कोमल दो बेटियों को खुद से दूर कर दिया। उम्मीद थी कि साथ ले जा रही महिला रिश्तेदार बेटियों को बेहतर परवरिश देगी, लेकिन वो बेदर्द निकली। मात्र 500 रुपये में दो बेटियों का सौदा कर दिया।

    आगरा । वो गरीब और मजबूर थे। इसीलिए कलेजे पर पत्थर रख उन्होंने फूल सी कोमल दो बेटियों को खुद से दूर कर दिया। उम्मीद थी कि साथ ले जा रही महिला रिश्तेदार बेटियों को बेहतर परवरिश देगी, लेकिन वो बेदर्द निकली। मात्र 500 रुपये में दो बेटियों का सौदा कर दिया। यहां हमदर्दी जताने वाली महिला तो सितमगर निकली। उसने अपने 35 वर्षीय बेटे की शादी 12 साल की बच्ची से करा दी। मुहल्ले के लोगों की सूचना पर पुलिस सक्रिय हुई और बालिका वधु और उसकी आठ साल की बहन को मुक्त करा थाने ले आई।

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    यह दर्द भरी कहानी है झांसी की रहने वाली 12 वर्षीय वर्षा और उसकी आठ साल की बहन की। माता-पिता बेलदारी करते हैं। घर में चार बहनें और एक भाई है। करीब छह दिन पहले एक रिश्तेदार महिला दोनों बेटियों को देखभाल के नाम पर घर ले आई। मजलूम बाप ने यह सोचकर बच्चियों को खुद से दूर कर लिया कि बेटियों को इससे तो बेहतर परवरिश मिलेगी। मगर आगरा लाने के बाद रिश्तेदार महिला ने बच्चियों को कालिंदी विहार में रहने वाली अपनी दूर की रिश्तेदार मुन्नी के घर पहुंचा दिया। मुन्नी की आंख का ऑपरेशन हुआ है।

    घर में काम करने के लिए मुन्नी ने दोनों बालिकाओं को घर रख लिया। इसके एवज में मुन्नी ने महिला को पांच सौ रुपये दिए। शुरुआत में मुन्नी ने दोनों से कहा कि वह उन्हें बेटी की तरह रखेगी। मगर, 19 फरवरी को उसने अपने 35 वर्षीय बेटे राजू से 12 साल की वर्षा की घर में ही शादी करा दी। वर्षा की छोटी बहन भी घर में ही रह रही थी। धीरे-धीरे राजू की शादी की खबर मुहल्ले में फैलने लगी। मंगलवार सुबह पड़ोसी नई नवेली बहू को देखने के लिए मुन्नी के घर पहुंचे तो वह 12 साल की वर्षा थी। आसपास के लोगों ने इसका विरोध किया।

    इसी बीच किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस दोनों बालिकाओं को थाने ले आई। एसओ एत्माद्दौला शैलेंद्र सिंह का कहना है कि दोनों बालिकाओं को रिश्तेदार महिला लेकर आई थी। देखभाल के लिए यहां मुन्नी के पास छोड़ गई थी। मुक्त कराई गई बच्चियों को उनके अभिभावकों के पास भेजा जा रहा है।

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