मंगल पर पहुंचे 90 हजार संदेश
मंगल पर पहले अभियान के 50 साल पूरे होने पर नासा की योजना "बीम मी टु मार्स" से संदेश भेजे।
वाशिंगटन। अंतरिक्ष कार्यक्रमों को प्रायोजित करने वाले कॉरपोरेशन विंगू ने रेडियो के जरिए मंगल ग्रह पर 90 हजार निजी संदेश भेजे हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पहले मंगल मिशन के पचास साल पूरे होने पर लाल ग्रह के लिए अंतरिक्ष के रास्ते शुभकामना संदेश भेजे गए हैं।
मैरिनर 4 मिशन का सफल प्रक्षेपण 28 नवंबर 1964 को हुआ था। ये मिशन 15 जुलाई 1965 में मंगल ग्रह के पास से गुजरा। उसके बाद उसने वहां से मंगल ग्रह की पहली तस्वीरें भेजी थीं। ये तस्वीरें पृथ्वी और चंद्रमा की प्रणाली से परे ली गई पहली तस्वीरें थीं। इसी अभियान की याद में पचास साल बाद "बीम मी टु मार्स" परियोजना की शुरूआत की गई है।
मंगल पर संदेश भेजने को ली फीस
इसमें सभी प्रतिभागियों से सिर्फ अपने नाम भेजने के लिए 4.95 डॉलर (करीब 321.75 रुपये) की फीस ली गई है। जबकि फोटो और लंबे संदेश भेजने के लिए उनसे 99 डॉलर (करीब 6,435 रुपये) वसूले गए। इन संदेशों के पूरे सेट को मैरियन 4 की सालगिरह की उपलक्ष्य में भेजा गया। ये सभी संदेश और चित्र उस यान को दोबारा भेजे गए। ताकि जो संदेश पहली बार में सही से ना मिले हों वह दूसरी बार में पूरे हो जाएं। संदेशों में 25 अंतरिक्ष संगठनों के भी लोगो और संदेश थे। कई हस्तियों ने भी अपने संदेश भेजे।
हालांकि मंगल ग्रह पर भेजे गए इन 90 हजार संदेशों को पढ़ने वाला कोई भी नहीं है। इस परियोजना के जरिए मंगल अभियानों को जनता के समर्थन की पुष्टि की जा रही है। नासा साइंस के प्रमुख एलान र्स्टन का कहना है कि इससे सरकार को संदेश मिलेगा कि ये अभियान जनता की इच्छा के विरुद्ध नहीं हैं और जनकल्याण से जुड़े अंतरिक्ष अभियानों को जनसमर्थन भी हासिल है। "बीम मी टु मार्स" परियोजना से मिले धन से अंतरिक्ष शिक्षा, शोध आदि अनुसंधानों को आर्थिक मदद मिलेगी।
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