रविशंकर प्रसाद ने नीतीश को लिखा खत, केंद्र की योजनाओं को मदद नहीं देने का लगाया आरोप
संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नीतीश कुमार को पत्र लिख कर बिहार सरकार पर केंद्रीय परियोजनाओं को मदद नहीं देने का लगाया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कभी बिहार में कानून व्यवस्था पर तो कभी वहां की शिक्षा व्यवस्था पर तीखे आक्रामण करने वाले केंद्रीय संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद के निशाने पर एक बार फिर नीतीश कुमार हैं। इस बार प्रसाद ने अपने मंत्रालय के विभिन्न कार्यक्रमों व योजनाओं को राज्य सरकार से मदद नहीं मिलने का मुद्दा उठाया है। इस बारे में प्रसाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिख कर अपने मंत्रालयों की उन योजनाओं की फेहरिस्त सौंपी है जो बिहार में लगाई जानी हैं, लेकिन राज्य सरकार के स्तर पर तेजी नहीं दिखाने से लटक गई हैं।
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प्रसाद ने सबसे पहले राजगीर (नालंदा जिला) में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग कलस्टर का उदाहरण दिया है। इसके लिए 250 एकड़ जमीन की जरूरत है, लेकिन प्रसाद ने लिखा है कि बार बार इस बाबत याद दिलाने के बाद भी राज्य सरकार की तरफ से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। हालांकि पहले राज्य सरकार की तरफ से बताया गया था कि 250 एकड़ की जमीन चिन्हित कर ली गई है।
इसी तरह से पटना के गौरचक के अबगिला गांव में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग सेंटर स्थापित करने का प्रस्ताव एक निजी कंपनी एवी इस्पात प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से प्राप्त हुआ था लेकिन कंपनी छह माह बीत जाने के बाद विस्तृत योजना पेश नहीं कर सकी है।
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रविशंकर प्रसाद ने अपने पत्र में बक्सर और मुजफ्फरपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स व इंर्फोमेशन टेक्नोलोजी (एनआइईएलआइटी) खोलने के प्रस्ताव की तरफ भी मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित करवाया है।बिहटा में बनने वाले एनआइईएलआइटी का जिक्र भी पत्र में है। इसके लिए 15 एकड़ जमीन की जरूरत थी। राज्य सरकार ने अभी तक 2.64 एकड़ जमीन खाली नहीं करवा सकी है।
संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने दरभंगा और भागलपुर में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क का मुद्दा भी उठाया है। ये पार्क भागलपुर और दरभंगा इंजीनियरिंग कालेज के प्रांगण में बनने हैं। प्रसाद ने लिखा है कि राज्य सरकार इसमें अपने हिस्से का पांच-पांच करोड़ रुपये का योगदान नहीं कर सकी है।
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प्रसाद ने लिखा है कि राज्य में सॉफ्टवेयर व आइटी का सही तरीके से विकास हो इसके लिए आवश्यक है कि राज्य सरकार अपने हिस्से की राशि मुहैया कराये। प्रसाद ने आधार कार्ड बनाने में राज्य सरकार के सुस्त रवैये का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि राज्य की 10.98 करोड़ की आबादी में से 6.67 करोड़ लोगों का आधार कार्ड बन चुका है लेकिन अधिकांश कार्ड गैर राज्यीय एजेंसियों की मदद से बनाई गई है। अब इन एजेंसियों के लिए राज्य के बड़़े हिस्से में लोगों का पंजीयन करना और उनके लिए कार्ड बनाना मुश्किल हो रहा है।
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अब राज्य सरकार को यह काम करना चाहिए। प्रसाद ने नीतीश कुमार को यह भी सुझाव दिया है कि वह अपने स्तर पर आधार कार्ड बनने की प्रक्रिया पर नजर रखे। ऐसा करने से यह काम काफी तेजी से होगा। भारत सरकार इसमें हरसंभव मदद करने को तैयार है।
पत्र के अंत मे प्रसाद ने उम्मीद जताई है कि नीतीश कुमार उक्त परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने में राज्य सरकार की तरफ से पूरा सहयोग देंगे।