Move to Jagran APP

'छोटे शहरों से मेट्रो के लिए भी होगी सस्ती हवाई सेवा'

नई विमानन नीति पर दैनिक जागरण के नेशनल ब्यूरो के उप ब्यूरो प्रमुख संजय सिंह ने विमानन एवं पर्यटन राज्य मंत्री डा. महेश शर्मा से विस्तृत चर्चा की।

By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 17 Jun 2016 04:05 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jun 2016 04:15 AM (IST)

नई दिल्ली। सरकार की ओर से हाल ही में घोषित नई नागरिक विमानन नीति में विमान सेवाओं को छोटे व मझोले शहरों तक पहुंचाने तथा हवाई यात्रा को आम आदमी के लिए सुगम व सुलभ बनाने के लिए रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम समेत विमानन उद्योग के विकास को बढ़ावा देने वाले महत्वपूर्ण कदमों का प्रस्ताव किया गया है। नीति पर लगभग सभी वर्गो से खुशी जाहिर की है। लेकिन साथ ही कुछ प्रश्न भी उठे हैं, जिनके उत्तर तलाशने के लिए दैनिक जागरण के नेशनल ब्यूरो के उप ब्यूरो प्रमुख संजय सिंह ने विमानन एवं पर्यटन राज्य मंत्री डा. महेश शर्मा से विस्तृत चर्चा की। पेश हैं प्रमुख अंश :--------

loksabha election banner

प्रश्न : नीति के तहत छोटे व मझोले शहरों के बीच एक घंटे की यात्रा का किराया अधिकतम 2500 रुपये करने का प्रस्ताव है। इसका निर्धारण किस आधार पर किया गया?

डा. शर्मा : इस पर एयरलाइनों, एयरपोर्ट आपरेटर्स और राज्य सरकारों सभी के साथ विस्तृत चर्चा की गई। निश्चित क्षमता के छोटे विमान से एक घंटे की यात्रा पर आने वाली लागत के अलावा वायबिलिटी गैप फंडिंग, करों और शुल्कों में छूट के समायोजन के बाद 2500 रुपये का आंकड़ा सभी को उचित लगा। इसी आधार पर आधे घंटे की यात्रा का किराया 1250 रुपये बनता है।

प्रश्न : क्या यह किराया केवल टियर-2 और टियर-3 के मझोले व छोटे शहरों के बीच की उड़ानों पर लागू होगा, अथवा महानगरों से छोटे शहरों के बीच की यात्राएं भी इसी किराये पर हो सकेंगी?

डा. शर्मा : नीति का मकसद रीजनल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है। फिर चाहे वह मझोले/छोटे नगरों के बीच की हो या मझोले/छोटे व बड़े नगरों के बीच की। मझोले व छोटे शहरों पर जोर का मतलब यह कदापि नहीं है कि केवल इन्हीं शहरों के बीच हवाई यात्रा सस्ती होगी। मेट्रो नगरों से मझोले/छोटे नगरों के बीच की यात्राओं पर भी 2500 रुपये प्रति घंटे का फार्मूला लागू होगा। लेकिन मेट्रो नगरों के बीच की यात्रा इस आधार पर तय नहीं होगी। जैसे कि यदि चंडीगढ़ से बठिंडा जाना है तो किराया रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के आधार पर तय होगा। परंतु चंडीगढ़ से दिल्ली की यात्रा सामान्य किराये पर ही होगी। हालांकि कैंसिलेशन व बैगेज शुल्क आदि में कमी के हाल के कदमों के बाद उसमें भी कुछ कमी आएगी।

हवाई यात्रियों के आए अच्छे दिन, सिर्फ 2500 रुपये में करें एक घंटे का सफर

प्रश्न : 5/20 रूल को पूरी तरह समाप्त नहीं करने की क्या वजह है?

डा. शर्मा : लंबे विचार-विमर्श के बाद पाया गया कि फिलहाल केवल पांच वर्ष की शर्त को हटाना ही उचित होगा। ताकि जो भी नई एयरलाइन भारत में आपरेशन प्रारंभ करे उसे अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बेवजह इंतजार न करना पड़े। लेकिन बीस विमानों अथवा बीस फीसद डोमेस्टिक क्षमता की शर्त को इसलिए बनाए रखा गया ताकि केवल गंभीर प्लेयर ही इस क्षेत्र में आएं। वैसे भी अंतरराष्ट्रीय ऑपरेशंस के लिए बीस विमान तो होने ही चाहिए, तभी आप बेहतर सेवा दे सकते हैं।

प्रश्न : नीति तो लागू हो गई है। लेकिन रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम का लाभ लोगों को कब मिलेगा, क्योंकि इसका अमल तो राज्यों पर निर्भर है?

डा. शर्मा : देखिए हमने अपना काम कर दिया है। अब यह राज्यों पर निर्भर करता है कि वे इसे लागू करें। जितनी जल्दी वे इसे लागू करेंगे उतना ही उन्हें इसका लाभ मिलेगा। क्योंकि कुछ नहीं से कुछ मिलना बेहतर है। अभी तो देश में साढ़े तीन सौ हवाई अड्डों में से अधिकांश बेकार पड़े हैं। उनका कोई उपयोग नहीं हो रहा है। इनमें कम से कम एक दर्जन एयरपोर्ट ऐसे हैं जिन पर स्कीम को तुरंत लागू किया जा सकता है। स्कीम लागू करने वाले राज्यों को केंद्र की ओर से तुरंत मदद दी जाएगी।

प्रश्न : आप पर्यटन मंत्री भी हैं। विमानन नीति से पर्यटन को किस तरह बढ़ावा मिलेगा?

डा. शर्मा : ज्यादातर प्रमुख पर्यटन स्थल छोटे और मझोले नगरों में ही हैं। जब ये शहर सस्ती विमान सेवाओं से जुड़ेंगे तो स्वाभाविक रूप से पर्यटकों की आवाजाही भी बढ़ जाएगी। देश में पर्यटन का विकास हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी का सपना है। और इस सपने को पूरा करना इस नीति का एक प्रमुख उद्देश्य है। वैसे पर्यटन के विकास के लिए पर्यटन मंत्रालय की ओर से भी अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।

प्रश्न : उदाहरण के लिए?

डा. शर्मा : पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हमने बौद्ध सर्किट, रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट, हिमालय सर्किट, पूर्वोत्तर सर्किट जैसी सांस्कृतिक व धार्मिक पर्यटन पर आधारित योजनाएं प्रारंभ की हैं। इनके तहत सांस्कृतिक स्थलों का विकास थीम के आधार पर करने की रणनीति तैयार की गई है। उदाहरण के लिए अयोध्या में रामायण म्यूजियम बनाया जाएगा। चित्रकूट में राम के जीवन पर आधारित गैलरी के निर्माण का प्रस्ताव है। इस तरह के केंद्र हर जगह बनाएं जाएंगे।

प्रश्न : विमानन नीति से किन लक्ष्यों की प्राप्ति की उम्मीद की गई है?

डा. शर्मा : हमारे यहां सैकड़ों हवाई अड्डे और हवाई पट्टियां हैं। लेकिन केवल 76 एयरपोर्ट का ही उपयोग हो रहा है। हमारा मकसद इसकी संख्या को बढ़ाकर कम से कम डेढ़ सौ तक लाना है। अभी विश्र्व विमानन उद्योग में भारत 9वें स्थान पर है। नीति का उद्देश्य इसे तीसरे स्थान पर लाना है। यह नीति विमानन क्षेत्र के लिए गेम चेंजर साबित होगी।

विमानन क्षेत्र का तेजी से हो रहा है विकास : जेटली


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.