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राम मंदिर नहीं बना तो फूटेगा गुस्सा: विनय कटियार

वरिष्ठ भाजपा नेता व राज्यसभा सदस्य विनय कटियार का मानना है कि राम मंदिर निर्माण की पहल करने में केंद्र सरकार के सामने कोई संवैधानिक अड़चन नहीं है। उनके अनुसार इस दिशा में मौजूदा केंद्र सरकार का मार्ग पूर्व की संप्रग सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल शपथ

By Sudhir JhaEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2015 10:16 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2015 04:13 AM (IST)

जागरण संवाददाता, अयोध्या। वरिष्ठ भाजपा नेता व राज्यसभा सदस्य विनय कटियार का मानना है कि राम मंदिर निर्माण की पहल करने में केंद्र सरकार के सामने कोई संवैधानिक अड़चन नहीं है। उनके अनुसार इस दिशा में मौजूदा केंद्र सरकार का मार्ग पूर्व की संप्रग सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल शपथ पत्र से प्रशस्त हो रहा है। इस शपथ पत्र में संप्रग सरकार ने कहा था कि यदि साबित हो जाए कि बाबरी मस्जिद का निर्माण किसी ढांचे को तोड़कर हुआ था, तो वह हिंदुओं की मांग का समर्थन करते हुए मंदिर निर्माण में सहयोग करेगी।

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राम मंदिर आंदोलन के दिशावाहकों में शामिल रहे विनय कटियार ने जागरण से बातचीत में याद दिलाया कि हाई कोर्ट के निर्णय से स्पष्ट हो गया है कि रामलला जिस भूमि पर विराजमान हैं, वहां पहले मंदिर था और आर्कियॉलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआइ) की रिपोर्ट से भी यह तथ्य प्रमाणित हो चुका है। ऐसे में केंद्र सरकार के सामने मंदिर निर्माण की दिशा में सहयोग को लेकर कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने दोहराया कि मंदिर निर्माण की उपेक्षा ठीक नहीं है और इससे जन भावनाएं आहत होंगी। कटियार यह बात पहले ही कह चुके हैं कि मंदिर निर्माण में विलंब से रामभक्तों का गुस्सा ज्वालामुखी की तरह फट सकता है।

कटियार ने सुझाव भी दिया कि मंदिर निर्माण का कानून बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण बिल की तरह केंद्र सरकार लोकसभा में प्रस्ताव पेश करके इसे पारित कराने का प्रयास करे। उन्होंने केंद्र सरकार के कामकाज की प्रशंसा भी की तथा कहा कि सरकार सबका साथ, सबका विकास के एजेंडे पर काम कर रही है। कटियार ने जोड़ा कि राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार का प्रयास सबका साथ, सबका विकास की भावनाओं के ही अनुरूप ही सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में चंद्रशेखर व अटल विहारी वाजपेयी ने इस विवाद में बातचीत के जरिये समाधान की दिशा में ठोस पहल की थी, लेकिन समय कम होने के कारण दोनों नेताओं की इस दिशा में महती कोशिशें परवान नहीं चढ़ सकीं।

कटियार का बयान गैर जिम्मेदाराना : हाशिम
अयोध्या : बाबरी मस्जिद के बुजुर्ग मुद्दई मो. हाशिम अंसारी ने कटियार के बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया है। उन्होंने कहा कि आज जब अलगाव-दुराव से दूर रहकर देश को एकजुट रखने की जरूरत है, तब कटियार का मंदिर राग समझ से परे है। उन्होंने याद दिलाया कि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन रहते इस तरह का बयान कोर्ट की अवमानना भी है।

राम मंदिर निर्माण को चाहिए इच्छाशक्ति : शंकराचार्य

हरिद्वार : ज्योतिष व द्वारिका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि अयोध्या राममंदिर निर्माण को संसद में बहुमत की नहीं, बल्कि इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। भाजपा राज्यसभा में बहुमत न होने की बात उठाकर इस मामले में देश की जनता को भ्रमित कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार 1990 में ही राममंदिर समेत आसपास की 65 बीघा जमीन का अधिग्रहण कर चुकी है। कोर्ट में सरकार के इस फैसले को न तो किसी ने अब तक कोई चुनौती दी है और न ही कोर्ट ने ही इस पर कोई सवाल उठाया है। ऐसे में सरकार को अपनी जमीन पर मंदिर निर्माण के लिए किसी इजाजत की कोई जरूरत नहीं। सदन में बहुमत की बात बेवजह की जा रही है। शंकराचार्य ने कहा कि कारसेवकों का 1990 में ढांचा गिराना बड़ी गलती थी, क्योंकि विवादित ढांचा मस्जिद नहीं थी। ऐसा कर कारसेवकों ने मुस्लिम समुदाय को यह कहने का मौका दिया कि वह मस्जिद थी।

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