मालदा में रैली पहले से तय थी : बंगाल सरकार
हिंदू महासभा के स्वयंभू नेता कमलेश तिवारी की पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ मालदा में तीन जनवरी को हुआ विरोध-प्रदर्शन पूर्व नियोजित था। केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया है कि इस विरोध प्रदर्शन की योजना हालांकि
कोलकाता ।हिंदू महासभा के स्वयंभू नेता कमलेश तिवारी की पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ मालदा में तीन जनवरी को हुआ विरोध-प्रदर्शन पूर्व नियोजित था। केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया है कि इस विरोध प्रदर्शन की योजना हालांकि पहले से बनाई गई थी लेकिन यह कोई सांप्रदायिक हमला नहीं था।राज्य सरकार ने कहा है कि प्रस्तावित रैली की योजना पहले से तैयारी थी लेकिन इसके दौरान हुई हिंसा पहले से बनाई गई किसी साजिश का हिस्सा नहीं है।
उल्लेखनीय है कि तीन जनवरी को इदारा-ए-शरिया द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में लगभग सात मुस्लिम संगठन और 10 स्थानीय मुस्लिम युवा क्लब शामिल हुए थे। विरोध के लिए जमा हुई भीड़ एकाएक हिंसक हो गई, जिसके बाद दंगे जैसी स्थिति पैदा हो गई। भीड़ ने स्थानीय कालियाचक थाने में घुसकर व्यापक तोड़फोड़ की और थाने को फूंक डाला था।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा इस घटना को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है, वहीं ममता बनर्जी सरकार ने इस इलाके में किसी भी तरह की राजनीतिक सक्रियता पर प्रतिबंध लगा दिया है। किसी भी अन्य पार्टी के नेताओं को यहां आने की इजाजत नहीं दी गई।जेएनएन,
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