Move to Jagran APP

कश्मीर मुद्दे पर बोले सभी दल, सभ्य समाज में हिंसा की कोई जगह नहीं

कश्मीर घाटी में अशांति को लेकर बुधवार को बुलायी गई सर्वदलीय बैठक में एक राय से कहा गया कि सभ्य समाज में हिंसा की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

By kishor joshiEdited By: Published: Wed, 07 Sep 2016 08:17 AM (IST)Updated: Wed, 07 Sep 2016 10:45 PM (IST)

नई दिल्ली, किशोर जोशी। गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को हुई सर्वदलीय बैठक के दौरान सभी पार्टियों ने घाटी में शान्ति और वार्ता की अपील करते हुए एक स्वर में कहा कि एक सभ्य समाज में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। सभी दलों ने केंद्र तथा राज्य सरकार से आग्रह किया कि वो राज्य में शांति बहाली के लिए सभी पक्षों से बात करे।

loksabha election banner

इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने केन्द्र और जम्मू-कश्मीर सरकार से अपील की है कि वे सभी पक्षों से बातचीत करें। सर्वदलीय बैठक में यह भी कहा गया कि राष्ट्रीय संप्रभुता के मुद्दे पर किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इससे पहले मंगलवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह के घर एक बैठक हुई जिसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, और पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह मौजूद थे।

पीएमओ में केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर जाने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने सर्वसम्मति से ये बयान दिया है कि एक सभ्य समाज में हिंसा की कोई जगह नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि राष्ट्र की संप्रभुता को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

सभी दलों ने जम्मू-कश्मीर के लोगों से हिंसा छोड़कर बातचीत के जरिए सभी मुद्दों का समाधान निकालने की अपील की है।

सभी सदस्यों ने केंद्र और राज्य सरकारों से प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों, सरकारी कार्यालयों और व्यापारिक केंद्रों को फिर से खोलने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने की अपील की है।

जीतेंद्र सिंह ने ये भी बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने सरकार से अपील की है झड़प में घायल हुए नागरिकों और सुरक्षाबलों को चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

सीताराम येचुरी ने कहा कि हम हुर्रियत नेताओं से इसलिए मुलाकात करना चाहते थे ताकि वो जम्मू-कश्मीर की जनता को बता सकें कि वो बातचीत करना चाहते हैं।

भाजपा महासचिव राम माधव ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है ऐसे में जो भी राजनीतिक समाधान हो सकते हैं वो किए जा सकते हैं।

उन्होंने भारत पाकिस्तान से लगे सीमावर्ती इलाकों को लेकर भी कहा कि सीमा के आसपास रहे रहे लोगों के लिए बेहतर व्यवस्था करने की जरूरत है।

पढ़ें- मौलवियों ने गृहमंत्री से कहा, उनसे बात क्यों करें जो पाक जिंदाबाद के नारे लगाते हैं

इससे पहले राजनाथ सिंह के नेतृत्व में 20 पार्टियों के 30 सांसदों के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने 4 सितंबर को कश्मीर का दौरा किया था। इस प्रतिनिधिमंडल ने वहां विभिन्न राजनैतिक दलों के साथ साथ सामाजिक संगठनों से घाटी में हालात सामान्य बनाने को लेकर चर्चा की थी। हालांकि अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करने से इनकार कर दिया था।

कब-कब हुई सर्वदलीय बैठक

22 जुलाई, 2016: सीएम महबूबा मुफ्ती ने ने राज्य की समस्या का हल करने के लिए राजनीतिक रूप से एक समावेशी एजेंडा के तहत सभी दलों के प्रतिनिधियों को एक मंच पर आने का आह्वान करते हुए पाकिस्तान के साथ वार्ता प्रक्रिया बहाल करने की भी हिमायत की। विपक्षी दल नेशनल कॉन्फ़्रेंस ने इस बैठक से दूर रही थी।

12 अगस्त, 2016: कश्मीर के हालात को लेकर चर्चा के लिए केंद्र सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पीओके जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है। बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि चार क्षेत्र हैं: कश्मीर, जम्मू, लद्दाख और पाकिस्तान के क़ब्ज़े वाला कश्मीर। विदेशों में बसे पाकिस्तान के क़ब्ज़े वाले कश्मीर के नागरिकों से भारत सरकार को संपर्क स्थापित करना चाहिए।

24-25 अगस्त, 2016: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर का दौरा किया। कश्मीर के हालात का जायजा लेने और कई राजनीतिक दलों और सरकार के नुमाइदों के साथ मुलाकात करने के बाद उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ मिलकर संवाददाताओं को संबोधित किया।

4 सितंबर, 2016: गृहमंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में 30 सदस्यों का एक सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल दिवसीय कश्मीर दौरे पर गया जहां उसने विभिन्न पक्षों से मुलाकात की। हलांकि अलगाववादियों ने इस प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इंकार कर दिया था।


पढ़ें- कुछ हिस्सों में आतंकियों को मिल रहा सहयोग, कई और सच्चाई आईं सामने


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.