राजनाथ-शाह ने किया केजरीवाल से टकराव पर इन्कार
भाजपा ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार के साथ केंद्र सरकार के किसी तरह के टकराव से इन्कार किया है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने साफ किया कि केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच संविधान के अनुच्छेद की व्याख्या को लेकर कुछ मतभेद जरूर है, लेकिन इसे टकराव नहीं कहा जा
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भाजपा ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार के साथ केंद्र सरकार के किसी तरह के टकराव से इन्कार किया है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने साफ किया कि केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच संविधान के अनुच्छेद की व्याख्या को लेकर कुछ मतभेद जरूर है, लेकिन इसे टकराव नहीं कहा जा सकता है। उनके अनुसार, अंतत: यह मामला अदालत में जाएगा और वहीं से इसका हल निकलेगा। इसके अलावा कोलकाता में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा कि केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली सरकार के कामकाज में कोई दखलअंदाजी नहीं की जा रही है और दोनों सरकारों को संविधान के दायरे में काम करना चाहिए।
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में संघीय ढांचे और 'टीम इंडिया' की अवधारणा को मजबूत करने का प्रयास किया गया है। दिल्ली में केंद्र और केजरीवाल सरकार के बीच मचे घमासान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि दोनों के बीच कोई लड़ाई नहीं है। मतभेद केवल संविधान के अनुच्छेद की व्याख्या को लेकर है। कोलकाता में राजनाथ सिंह ने भी स्पष्ट किया कि केजरीवाल सरकार के साथ गृह मंत्रालय का कोई मतभेद नहीं है। कहा, दिल्ली में एक चुनी हुई सरकार है और केंद्र उसके कामकाज में किसी तरह की दखलअंदाजी के पक्ष में नहीं है। उन्होंने दिल्ली सरकार के साथ पूरी तरह सहयोग करने का भरोसा भी दिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि दिल्ली में केंद्र और राज्य दोनों सरकार को संविधान के दायरे में काम करना चाहिए।
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इस बीच अधिसूचना निरस्त करने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर गृह मंत्रालय ने कानूनी विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह एकल पीठ का फैसला है। इसके खिलाफ हाई कोर्ट के ही खंडपीठ में या सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का फैसला अगले दो-तीन दिनों में हो जाएगा।
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